
प्रदीप शर्मा संपादक।
कभी सोचा है कि किसी पत्रकार द्वारा अपने किसी चैनल को छोड़कर जाने से मीडिया ही नहीं तमाम सक्रिय प्लेटफॉर्म पर बड़ी खलबली मच जाती है। शायद नहीं सोचा होगा क्योंकि हम लोग अखबारों और मीडिया चैनल में कुछ खबरें देखकर या पढ़कर उन चेहरों या शख्सियतों को भूल जाते हैं। मगर बीते डेढ़ दशक से जिन कुछ पत्रकारों के नाम हमारे जेहन में आते हैं उनमें श्वेता पंवार, राधिका, रजत शर्मा, रवीश कुमार सहित सुधीर चौधरी का नाम भी आता है। मगर इनमें सुधीर चौधरी एक ऐसा नाम अवश्य है, जिन्हें या तो संस्थानों को छोड़ना पड़ा या उन्होंने स्वयं कोई और नई राह पकड़ ली। आज हम यहां चर्चा कर रहे हैं देश के एक ऐसे ही पत्रकार की जिनके एक ओर कदम से चर्चाओं का बाजार गर्म है।
हम यहां आपको यह नहीं बताने जा रहे कि सुधीर अब क्या करेंगे/ वे किसी नई संस्था में जाएंगे/ या अपना कोई नया प्लेटफॉर्म खड़ा करेंगे जिसकी चर्चा उनके द्वारा जी-न्यूज के “डीएनए” को छोड़े जाने पर हुई थी। मगर आज उनके द्वारा देश के सबसे बड़े न्यूज़ चैनलों में शुमार *आज तक* के *ब्लैक एंड व्हाइट* को छोड़े जाने की खबर भी सरगर्म है।
कौन हैं सुधीर चौधरी –
देश के अनेक प्रतिष्ठित मीडिया घरानों में उच्च पदों पर सेवा देने वाले सुधीर चौधरी आज फिर चर्चा में हैं। इस शख्सियत ने अपनी मेहनत, प्रतिभा और संघर्षों के दम पर मीडिया जगत में वह मुकाम बनाया है, जो किसी के लिए रश्क का विषय हो सकता है। एक मीठी सी मुस्कान के साथ छोटे पर्दे पर “नमस्कार मैं हूं..” कहकर आने वाले इस पत्रकार ने सीधे अंदाज में अपने दर्शकों से बात की।
खासियत –
सुधीर चौधरी की एंकरिंग और समाचार की प्रस्तुति के बीच उनके विचारों का समावेश कुछ ऐसा हो जाता कि दर्शक खबरों के अलावा उन विचारों में बह जाते हैं। इसीलिए जब उन्होंने जी-न्यूज़ के डीएनए को छोड़ा तो लोगों ने उनके नए प्लेटफॉर्म की तलाश की और उनके “ब्लैक एंड व्हाइट” से भी जुड़ गए।
क्या है उन विचारों की ताकत –
दरअसल देश की बड़ी मीडिया लाबी में सुधीर चौधरी एक विशिष्ट हस्ती बन गए तो इसका कारण है उनकी विचारधारा, जो अभी तक तमाम लाबी से अलग हटकर है। उन्होंने कभी भी उस वामपंथी विचारों को प्रमोट नहीं किया जो क्षणिक कोलाहल कर देश में विभाजन की नई लकीरें पैदा करें। ये वाम कौन हैं इसकी व्याख्या करने की यहां जरूरत नहीं है।
नई राह के राही-
सुधीर चौधरी के जीवन में बड़े भारी संकट भी आए/ किन्हीं कारणों से उन्हें तिहाड़ जेल जाने की भी खबरें हैं। मगर उनके सनातन प्रेम से उपजी विचारधारा आज काफी लोकप्रिय है। इसलिए आज देश के मीडिया जगत में
“सुधीर चौधरी : एक एंकर नहीं, बल्कि आइकॉन हैं”
