July 18, 2025 |

भोपाल यारबाजी और दोस्ती में किसी से कम नहीं

हर घटना में मिसाल है प्रदेश की राजधानी

Hriday Bhoomi 24

🥏प्रदीप शर्मा संपादक 

देश में अनेक राजनीतिक भूचाल आने के बाद भी मेरा भोपाल शांत है। यह दोस्ती और यारी की वो जमीं है जिसे दोस्ती और यारबाजी के लिए याद किया जाता है। यह दोस्ती और यारी की वो जमीं है, जहां दोस्ती को लेकर फिल्म व कहानी लिखी गई हैं।

– इसी जमीं पर जन्मे देश के मशहूर शायर एवं पद्मश्री बशीर बद्र साहब भोपाल के बुधवारिया चौक में मुझसे जब भी मिले,

मुझे ऐसा लगा कि कोई अपना मिला। उन्होंने मेरी डायरी में लिखा प्रदीप तुम मुझे बार-बार मिलो।

मित्रों की दोस्ती

यहां  मित्रों की मिसाल दूं कि 1997 में बुधवारिया क्षेत्र में कार्य दौरान एक मुस्लिम मित्र अथर भाई से मैने कुछ मदद मांगी। तब उन्होंने बिना सोचे-विचारे घर से लाकर की, साथ में दो अल्फाज कहे –

प्रदीप यह वापस मत करना।

बड़ी घटनाओं में भी यारी –

याद करें जब अयोध्या में हुई घटना और इसके कुछ र्षों पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या दौरान इस संवेदनशील शहर में एक भी वाकया नहीं हुआ। सभी एक दूसरे से खुश होकर मिले।

 

 


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