हरदा। गत 26 जून 2024 को ग्राम खात्माखेड़ा मे सिनर्जी संस्थान के कार्यक्रम अंतर्गत शिक्षा क्षेत्र में जागरूकता लाने के अभिनव प्रयोग किए गए। इस दिन ‘स्कूल चलो अभियान’ को एक उत्सव की तरह मनाया गया। बच्चों और युवाओं ने मिलकर इस अभियान में भाग लिया, जिससे गाँव में शिक्षा के प्रति जागरूकता का माहौल बना।
दीवार लेखन – शिक्षा का संदेश
अभियान के दौरान, बच्चों और युवाओं ने मिलकर दीवारों पर शिक्षा के महत्व को दर्शाने वाले संदेश लिखे। ये संदेश न केवल शिक्षित होने की आवश्यकता को बताते हैं, बल्कि समाज में शिक्षा के सकारात्मक प्रभावों को भी उजागर करते हैं। दीवार लेखन की इस गतिविधि ने गाँव के हर व्यक्ति को शिक्षा की ओर प्रेरित किया। दीवारों पर लिखे गए नारे और संदेश, जैसे “शिक्षा ही भविष्य है” और “हर बच्चा स्कूल जाए, हमारा सपना साकार हो”, ने लोगों के दिलों में शिक्षा की लौ जलाना है।
पीले चावल – एक पुरानी परंपरा
बच्चों के माता-पिता को जागरूक करने के लिए एक विशेष पहल की गई। गाँव के युवाओं ने पीले चावल का उपयोग करते हुए, डोर टू डोर जाकर बच्चों को रोज स्कूल भेजने का संदेश दिया। पीले चावल का यह तरीका ग्रामीण परंपरा में शुभ माना जाता है, और इसे शिक्षा के संदेश को फैलाने के लिए उपयोग किया गया। पीले चावल देखकर माता-पिता ने इसे गंभीरता से लिया और अपने बच्चों को स्कूल भेजने का वचन दिया। युवाओं के द्वारा बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने का आग्रह किया। इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला, जब कई माता-पिता ने अपने बच्चों को अगले दिन से स्कूल भेजने का वादा किया। इस अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।