भोपाल। अब प्रदेश भर के सरकारी और निजी स्कूलों में नर्सरी कक्षा में तीन साल की उम्र में ही प्रवेश होंगे। केजी-1 में चार साल, केजी टू में पांच साल और पहली कक्षा में छह साल में प्रवेश दिया जाएगा। अभी तक निजी स्कूल नर्सरी में दो से तीन साल तक के बच्चों को प्रवेश दे देते थे, लेकिन अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन करते हुए शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में होने वाली प्रवेश प्रक्रिया में भी उम्र की सीमा का पालन करना अनिवार्य किया गया है।
अभी आरटीई के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू है। आनलाइन आवेदन और सत्यापन किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने आदेश जारी कर उम्र की तय सीमा का पालन करने का निर्देश जारी कर दिया है। हालांकि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उम्र की समय सीमा के नियम तीन साल पहले से लागू है, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है।इस साल कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी तक प्रदेश के शासकीय व निजी स्कूलों में पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाता था। वहीं इस सत्र से निजी प्ले स्कूल को समाप्त करने के लिए सरकारी स्कूलों में डेढ़ हजार प्ले स्कूल खोले जाएंगे।
1500 स्कूलों में शुरू होंगी प्री-नर्सरी कक्षा
हाल ही में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने एक विभागीय कार्यक्रम के दौरान कहा था कि प्रदेश के करीब डेढ़ हजार सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी। ये कक्षाएं नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शुरू होंगी। अभी तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तीन हजार प्ले स्कूल स्वीकृत हैं। अब डेढ़ हजार नए प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू होने से इनकी संख्या साढ़े चार हजार हो जाएगी।
निजी प्ले स्कूलों पर लगेगी लगाम
अभी तक निजी प्ले स्कूलों में बच्चों का नर्सरी में दो या ढाई साल में प्रवेश दे दिया जाता था। इससे बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ता था। अब इस पर पाबंदी लगेगी। साथ ही निजी स्कूलों पर भी लगाम लगेगी।
इनका कथन –
मध्य प्रदेश में इस वर्ष करीब साढ़े चार हजार प्ले स्कूल हो जाएंगे, जिनमें प्री-प्राइमरी कक्षाएं लगाई जाएंगी। वहीं नर्सरी में इस साल से तीन साल की उम्र में प्रवेश दिया जाएगा। उम्र की समय सीमा का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
धनराजू एस, संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र