हरदा/ प्रदेश में बाल मृत्यु के प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ विभाग द्वारा प्रतिवर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। यह अभियान वर्ष में 2 बार अधिकतम 6 माह तथा न्यूनतम 4 माह के अंतराल में आयोजित किया जाता है। अभियान के प्रथम चरण में 5 वर्ष तक के बच्चों की चिकित्सीय जांच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार व प्रबंधन पर बल दिया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचपी सिंह ने बताया कि दस्तक अभियान जिले में 25 जून से 27 अगस्त तक चलाया जावेगा। इस अभियान में 5 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों की स्क्रीनिग कर समुचित उपचार किया जावेगा। उन्होने बताया कि दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त दल एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर दस्तक देकर प्रत्येक बच्चे की जांच की जाएगी। इस दौरान निमोनियाग्रस्त बच्चों की जॉच व इलाज, कुपोषित की जॉच व उसे पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करने, दस्त रोग डायरिया से पीड़ित बच्चों के पालकों को ओआरएस घोल बनाने के संबंध में जानकारी दी जावेगी।
सीएमएचओ डॉ. सिंह ने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान चयनित बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रैफर भी किया जावेगा, जहॉ मेडिकल ऑफिसर बच्चों के उपचार की व्यवस्था करेंगे। उन्होने बताया कि इसके लिए अंतर्विभागीय बैठकों का आयोजन किया जा चुका है। दस्तक अभियान के लिये समुचित तैयारियां ग्रामीण स्तर तक पूर्ण कर ली गई है। कार्यक्रम की निगरानी हेतु जिले स्तर, ब्लाक स्तर एवं सेक्टर स्तर की टीम गठित की गई है, जो निरन्तर भ्रमण कर कार्यक्रम की सतत निगरानी करेंगे ताकि कोई भी बच्चा इस दौरान स्वास्थ्य सुविधा के लाभ से वंचित न रहे। उन्होने बताया कि जिले में सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण भी पूर्ण किया जा चुका है। हर घर पर दस्तक अभियान के तहत मार्किंग की जावेगी ताकि निरीक्षण दल द्वारा किये गये कार्य का सत्यापन किया जा सके।
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