#देश गया भाड़ में : इनके लिए पहले राजनीति जरूरी
पड़ौसी देश से तनाव दौरान दुश्मन देश से भारतीय लोग भी कुछ सीखें

प्रदीप शर्मा संपादक।
राजनीति के वर्तमान कटु दौर में घृणा होती है कि जब देश के समक्ष युद्ध के बादल छाए हों, तब भारतवर्ष में देश को छोड़कर राजनीतिक दल अपनी-अपनी रोटी सेंकने में जुटे हैं। आज सरकार से एक राजनीतिक दल बड़ी बेशर्मी के साथ वह सवाल पूछ रहा है जिससे दुश्मन मुल्क को राजनीतिक लाभ मिले।
-हाल ही हुए तनाव दौरान कितने विमान यूज किए, कितने काम आए आदि की जानकारी लेने से किसका भला है। बेहतर होता कि ये दल पूछते कि हमारी सेना कह-हाल ही हुए तनाव दौरान कितने विमान यूज किए, कितने काम आए आदि की जानकारी लेने से किसका भला है। बेहतर होता कि ये दल पूछते कि हमारी सेना कहां-कहां कामयाब हुई। क्योंकि ये सेना किसी दल की नहीं बल्कि देश की है।
-विपक्ष के लिए एक उदाहरण देना चाहूंगा कि दलीय राजनीति छोड़कर ऐसी घड़ी में देश के हितों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे हाल ही में “एआईएमआई” के सांसद असुद्दीन ओवेसी और केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने किया है। मगर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से यह बातें करने के स्थान पर उनकी पार्टी सेना से वही प्रमाण मांग रही है, जो वह पहले भी मांगती रही।
-इसके विपरीत पाकिस्तान में हार के बावजूद वहां के सारे दल एकजुट होकर वहां की सेना और सरकार के साथ खड़े हैं। लिखने को बहुत है मगर अभी इतना काफी है। वरना जनता सब देख रही है।
