# प्रदीप शर्मा एवं हृदयभूमि डायरेक्टर गजेंद्र सिंह राजपूत
नर्मदापुरम जिल में लंबे अर्से बाद यहां सक्रिय रेत माफिया पर नकेल कसने की पहल नवागत कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने की है/ मगर इस खनिज तंत्र के हिज मास्टर व्हाइस का तंत्र इतना तगड़ा है कि कानून के हाथ भी छोटे हो जाते हैं।
बता दें कि गत शाम हृदयभूमि की खबर वायरल होते ही कलेक्टर सोनिया मीणा ने संबंधित अधिकारी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश देकर माइनिंग अधिकारी देवेश मरकाम को जांच के लिए मौके पर भेजा था। मगर “होइए वही, जो खनिज माफिया रचि राखा”
– सो हुआ कुछ यूं कि लेकिन माइनिंग अधिकारी मरकाम के रवाना होने के पहले ही यहां अवैध रूप से “चांदी कूट रही” सिल्वर मिस्ट कंपनी के अमले को यह सूचना मिल गई। फिर होना वही था जो जांच करने वाले अधिकारी स्क्रिप्ट तैयार करते हैं।
जबकि राजपत्र के अनुसार ऐसे स्थानों पर खनन करना ठीक नहीं है। देखिए 👇
*मौके पर क्या हुआ*
फिर क्या था चालाक लोगों ने मौके से वह पोकलेन मशीन छिपवा दी। जिसका इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। अमले ने भी सामान्य औपचारिकता निभाकर रोड पर खड़ी दो गाड़ी पकड़कर बाबई थाने में खड़ी करवाकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
*जहां पोकलेन वर्जित, वहीं इसका इस्तेमाल*
आपको बता दें यहां जो आमखेड़ी खदान नर्मदा नदी में है, पोकलेन का उपयोग वर्जित है। इसके बावजूद “सिल्वर मिस्ट” कंपनी आमखेड़ी खदान में तीन-तीन पोकलेन मशीन चला रही है। ज्ञात हो कि हाईकोर्ट एनजीटी न्यायालय एवं मध्य प्रदेश राजपत्र अधिनियम के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर यह कंपनी धड़ल्ले से वहां कार्य कर रही है जिसका नाम भी नर्मदापुरम है।
*मजदूरों का भी छीना हक*
इस जिले में कंपनी द्वारा अवैध उत्खनन के साथ श्रमिकों और मजदूर के हक को भी मारा जा रहा है। यहां खनन में मजदूरों का काम छीनकर मशीनों से अवैध रूप में रेत निकाल रही है। बीते दिनों इसका विरोध श्रमिक भाइयों ने किया भी था। तब एक खदान जावली के ठेकेदार ने वैध खदान का हवाला देकर प्रशासन को गुमराह कर दिया।
– लेकिन अब ठेकेदार उन खदानों के आड़ में पवारखेड़ा रेत खदान एवं आमखेड़ी रेत खदान शासन द्वारा अभी रॉयल्टी मंजूर नहीं हुई वहां सीहोर जिले की जहाजपुरा, जोशीपुर बैतूल जिले की रॉयल्टी काटकर अवैध उत्खनन कर शासन को रोजाना लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने का काम बेखौफ जारी है।