June 20, 2025 |

आचार्य श्री के साथ जुड़ीं हैं इटारसी की अनेक यादें

सदी के महान संत की प्रेरणा से हुए अनेक लोककल्याणकारी कार्य

Hriday Bhoomi 24

प्रमोद पगारे, इटारसी।

युग परिवर्तन के महापुरुष श्री श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का महाप्रयाण हो गया। छत्तीसगढ़ राज्य की पवित्र भूमि डोंगरगढ़ में उन्होंने इस कलयुग को अंतिम प्रणाम किया। श्री विद्यासागर महाराज न केवल जैन समाज अपितु संपूर्ण राष्ट्र की समस्त जातियां एवं धर्म क्षेत्र में सम्मानजनक स्थान रखते थे।

इस भारत भूमि पर विश्वनियंता महावीर स्वामी सहित कई महापुरुषों ने जन्म लिया। परंतु श्री श्री 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के जन्म से मध्य प्रदेश भी गौरवान्वित हुआ। उन्होंने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई तीर्थ क्षेत्र की स्थापना कर वे अमर हो गए। केंद्र एवं मध्यप्रदेश की सरकार को चाहिए कि श्री विद्यासागर जी महाराज के नाम पर कुछ ऐसा कार्य करें जिसे सदियों तक याद रखा जाए।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अपने उद्बोधन के दौरान पूज्य महाराज श्री को श्रद्धांजलि दी और उन्होंने कहा कि महाराज श्री का जाना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। बोलते बोलते वे कुछ समय के लिए भावुक हो गए और उनके नेत्रों में आंसू आ गए। निश्चित ही श्री विद्यासागर जी महाराज का जाना राष्ट्र की बड़ी क्षति है।

मुझे बहुत अच्छी तरह याद है आज से 24 वर्ष 11 माह पहले 19 मार्च 1999 को पूज्य महाराज श्री माखन नगर, पांजरा, धोखेड़ा होते हुए इटारसी आए थे। यहां पर उन्होंने दिन ही दिन का समय बिताया था। महावीर स्कूल में उनके अमृत प्रवचन भी हुए थे। पहली लाइन स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर जो उस समय पुराने भवन में प्रथम तल पर था। वहां पूज्य महाराज जी ने दर्शन भी किए थे।स्व. प्रवीण जैन, राजेंद्र जैन एवं विजय दुबे काकू भाई ने महाराज श्री का आशीर्वाद लिया था और उन्हें वचन दिया था कि वह मंदिर की संपत्ति खाली कर देंगे। उस वचन को उन्होंने निभाया और वहां पर नया भवन बनकर तैयार हो गया।

पूज्य महाराज जी की इच्छा थी कि इटारसी में जैन समाज गौशाला प्रारंभ करने में रूचि दिखाएं परंतु ऐसा नहीं हो सका। सन 2010 में वर्धमान पब्लिक स्कूल में जैन समाज के द्वारा जो पंचकल्याणक आयोजित किया गया था इसकी स्वीकृति भी पूज्य महाराज श्री ने दी थी और इटारसी के इतिहास में आज तक वैसा पंचकल्याणक नहीं हुआ जिसमें जैन समाज के अलावा सभी जाति और धर्म के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। पूज्य महाराज जी की यादें शेष हैं।

उन्होंने युग परिवर्तन के लिए अवतार लिया था। उनका शरीर भले ही समाधिष्ठ हो गया हो, लेकिन उनके प्रवचन, उनका मार्गदर्शन ,उनका आशीर्वाद आज भी भारत भूमि के साथ है। निश्चित ही इटारसी का जैन समाज पूज्य महाराज श्री की स्मृति में कुछ ना कुछ श्रेष्ठ कार्य करेगा ऐसी अपेक्षा की जा सकती है। पूज्य महाराज श्री को निश्चित ही ईश्वर के श्री चरणों में विशेष कृपा स्थान प्राप्त हो चुका है। और उनकी कृपा हम सब पर बनी रहे ऐसी कामना हम करते हैं। पूज्य विद्यासागर जी महाराज नए अवतार में भारत भूमि पर पुनः प्रकट हो एवं धर्म क्षेत्र में संपूर्ण राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करते रहें यह हमारी कामना है।

पहली लाइन स्थित श्री पार्श्वनाथ मंदिर में जहां पूज्य महाराज श्री ने दर्शन किए थे वह दुर्लभ फोटो हमें विवेक जैन फर्म टी एम जैन गैरिज लाइन ने उपलब्ध कराई है हम उनके बहुत आभारी हैं।


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