प्रदीप शर्मा हरदा।
कलेक्टर ऋषि गर्ग के आदेश का परिपालन कर खनिज विभाग अवैध रेत खनिज परिवहन करने वाले वाहनों पर दिखावे की कार्रवाई तो कर रहा है। मगर खनिज उत्खनन रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। एक दिन पूर्व ही टिमरनी विधायक अभिजीत शाह ने भी एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपकर अवैध उत्खनन रोकने की मांग की थी। गत दिवस मीडिया टीम ने भी हंडिया तहसील में नर्मदा तटों पर हो रही अवैध खुदाई का मुआयना किया तो भारी मात्रा में उत्खनन की तस्वीर सामने आई।
क्या है हकीकत –
आपको बता दें तहसील मुख्यालय हंडिया से मात्र 10-15 किलोमीटर दूर मनोहरपुरा और बगलातर सहित अन्य स्थानों पर नर्मदा से अवैध उत्खनन करने की तस्वीर नजर आई। जबकि अभी रेत खनन करने वाली हैदराबाद की कंपनी यहां नहीं आई है। फिर वो कौन लोग हैं जो रेत माफिया के इशारे पर खनन कर कुछ किलोमीटर दूर रेत के पहाड़ बना रहे हैं। इस तरह भारी मात्रा में स्टाक कर इसे जगह-जगह सप्लाई किया जाता है। याद रहे अभी नया ठेका शुरू न होने से शासन को राजस्व की क्षति तो हो रही है। वहीं आने वाली कंपनी को भी परोक्ष रूप से नुकसान हो रहा है।
अजीब तर्क दे रहे खनिज अधिकारी –
जिले के नर्मदा तटों पर चल रहे ऐसे अवैध उत्खनन के बारे बताकर मीडिया ने खनिज अधिकारी आरपी कमलेश से हकीकत जानने का प्रयास किया तो पहले उन्होंने मीडिया को अपना वर्जन देने पर रोक का हवाला देकर काफी न-नुकुर की। फिर जब मीडिया ने कहा कि इस बारे खनिज विभाग ही अपना पक्ष नहीं बताएगा तो किस विभाग से जानकारी ली जाए। तब उन्होंने विभाग का पक्ष रखते हुए अजीब तर्क देकर अवैध उत्खनन रोकने की अनोखी विभागीय नीति बताई। उन्होंने बीते दो महीनों में अवैध रेत खनिज परिवहन करते कुछेक वाहनों पर कार्रवाई का हवाला दिया। इसके साथ उन्होंने कहा कि इससे परिवहनकर्ता रायल्टी लेने पर ध्यान देंगे। मगर जब मीडिया ने उत्खनन स्थल पर कार्रवाई के बारे में पूछा तो उन्होनें स्टाफ की कमी का बहाना बताया। मीडिया ने बताया कि पुलिस विभाग का कहना है कि खनिज परिवहन और उत्खनन रोकना संबंधित विभाग का काम है। हमसे सहयोग मांगे जाने पर ही हम पुलिस बल प्रदान कर सकते हैं। तो खनिज अधिकारी ने खूब जवाब दिया कि पुलिस का सहयोग मांगने की प्रक्रिया काफी लंबी है। इसमें बहुत समय लगता है।इधर हंडिया तहसीलदार सुश्री लवलीना घाघरे का भी कहना था कि चुनाव के पूर्व हमने कुछेक कार्यवाही की थी। मगर यह खनिज विभाग का दायित्व है कि वह अवैध उत्खनन को चिन्हित कर कार्रवाई करे। इस प्रकार विभाग की वर्तमान कार्यशैली देखकर लगता है कि अवैध खनिज उत्खनन रोकने में विभाग रुचि नहीं ले रहा है।