हृदयभूमि, भोपाल।
देश एवं प्रदेश में नया अपराध कानून लागू करने की तैयारी की जा रही है। यदि सब कुछ ठीकठाक रहा तो आगामी 1 जुलाई से इस पर अमल भी शुरू हो जाएगा। प्रशासनिक हल्कों से छनकर सामने आ रही जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा नया आपराधिक कानून तैयार किया गया है। इन्हें इसी वर्ष 1 जुलाई से लागू किया जा सकता है।
ई-एफआईआर होगी –
इसके बाद देश का कोई भी नागरिक किसी भी पुलिस थाने जाकर ई-एफआईआर दर्ज करा सकेगा। इसे लागू करने के लिए मध्यप्रदेश में लगभग 25 हजार टैबलेट खरीदे जाएंगे। ये हर जांच अधिकारी को सौंपे जाएंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार ने पुराने कानून में लगभग 600 से अधिक संशोधन कर इसे नए जमाने के लिहाज से व्यावहारिक बनाने का प्रयास किया है।
आईपीसी एक्ट में बदलाव
जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार ने अंग्रेजों के जमानों से लागू आईपीसी एक्ट की जगह तीन नए कानून बनाए हैं जो 1 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएंगे, जिसकी प्रदेश पुलिस ने भी तैयारी शुरू कर दी है। अब देश में लागू 164 साल पुराना आपराधिक कानून बदलने जा रहा है। इन नए कानूनों को समझने के लिए सभी को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सरकार द्वारा इसमें अधिक जोर डिजीटल पर दिया गया है। हर जांच अधिकारी को टेबलेट दिए जाएंगे।
कई धाराएं जोड़ी गई –
अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किए जा रहे हैं। आईपीसी की 511 धाराओं की जगह बीएनएस में 358 धाराएं होंगी, तो बीएनएसएस में सीआरपीसी की 177 धाराओं को बदलने के साथ 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 166 की जगह 170 धाराएं होंगी।
पारदर्शी, व्यावहारिक कानून बनाया –
आपराधिक कानून को पारदर्शी, आधुनिक और तकनीकी तौर पर कुशल ढांचे में डाला गया है, ताकि वह भारत की आपराधिक न्याय व्यवस्था को कमजोर करने वाली मौजूदा चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो।