एनजीटी ने की सराहना : प्रशासन ने निष्पक्षता पीड़ितों को दी राहत
राष्ट्रीय हरित अधिकरण में हुई थी अपील
प्रदीप शर्मा संपादक
गत 6 फरवरी को जिला मुख्यालय हरदा के समीप ग्राम बैरागढ़ के पास स्थित फटाका फैक्ट्री में हुए विस्फोट में जान-माल की बड़ी नुकसानी हुई। जिले के इतिहास में हुए इस सबसे बड़े हादसे में कई लोग जख्मी होकर अभी उपचाररत भी हैं। घटना के बाद हरदा आए नवागत कलेक्टर आदित्य सिंह ने
इसे गंभीरता से लेकर पीड़ितों को मदद पहुंचाई। साथ ही जिला प्रशासन ने राहत कैंप बनाकर उन्हें सहारा भी दिया। वहीं दूसरी ओर घटना के दोषी परिवार की संपत्ति जप्त कर डेढ़ माह के भीतर नीलामी भी की। इसकी राशि से पीड़ितों को अपना घर-मकान बनाने व मरम्मत कराने में मदद भी मिलेगी। बहरहाल इस घटना में प्रशासन की मानवीय पहल की अनदेखी कर कतिपय स्तर पर भ्रम फैलाने के भी प्रयास हुए, और मामला राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की देहलीज तक भी जा चुका। मगर विगत दिवस आए एनजीटी के फैसले ने सारी तस्वीर साफ कर प्रशासन द्वारा पीड़ितों को की गई मदद की सराहना की है। यहां लगाई गई याचिका की सुनवाई कर एनजीटी के जस्टिस शिव कुमार सिंह और ज्यूडिशियल मेंबर अफरोज अहमद की पीठ ने फैसले के पैराग्राफ नंबर 11 में
कहा कि अध्ययन में यह सामने आया कि हरदा जिला प्रशासन ने निष्पक्षता से कार्य कर पीड़ितों को मदद दी है। The Learned Counsel for the
parties have fairly appreciated the prompt action taken by the
collector for providing relief to the surviving family members of the deceased and the persons affected by the incident. साथ ही
अधिकरण ने जिला प्रशासन को सलाह दी कि सभी वर्गों के पीड़ितों को समानता के आधार पर मदद दी जाए।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal-NGT) की स्थापना 18 अक्तूबर 2010 को एनजीटी अधिनियम, 2010 के तहत पर्यावरण संरक्षण, वन संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों सहित पर्यावरण से संबंधित किसी भी कानूनी अधिकार के प्रवर्तन, दुष्प्रभावित व्यक्ति अथवा संपत्ति के लिये अनुतोष और क्षतिपूर्ति प्रदान करने एवं इससे जुडे़ हुए मामलों के प्रभावशाली और त्वरित निपटारे के लिये की गई थी।