September 17, 2024 |
Search
Close this search box.

टिकट नहीं, अब तो जमीर भी बिकते हैं

राजनीति में दलीय निष्ठा भी हुई तार-तार

Hriday Bhoomi 24

प्रदीप शर्मा संपादक हृदयभूमि 

राजनीतिक दलों द्वारा टिकट वितरण में लेनदेन के आरोप तो बहुत पुराने हैं। मगर चुनाव में हमने कई बार जमीरों को भी बिकते देखा है। इस बार लोकसभा चुनाव में तमाम भागदौड़ और नौटंकियों के बाद नेताओं के चाल, चरित्र की जो तस्वीर सामने आई है, उससे दलीय निष्ठा के सवाल तार-तार हुए हैं।

हाल ही, गुजरात में सूरत के पश्चात मध्यप्रदेश के इंदौर में हुए राजनीतिक बम धमाके पर नाराज एक नेता ने जो आरोप लगाए, तथा मीडिया के सामने हाईकमान को सीधे खरी-खोटी सुनाई। उससे लगता है कि तमाम दलों में दरी उठाने वाले कार्यकर्ताओं की कोई बखत नहीं है। अब तक हमने चुनाव में दलों को ऐन मौके पर प्रत्याशियों के टिकट बदलते देखा था, किंतु दलों के प्रति उम्मीदवारों की निष्ठा बदलते नहीं देखा। यह शायद पहला या दूसरा चुनाव है जब बदलती निष्ठा का पहलू सामने आया है।

  हालांकि इसकी शुरूआत मध्यप्रदेश में काफी साल पहले हो चुकी थी। तब विदिशा-रायसेन लोकसभा सीट पर भाजपा की कद्दावर नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के सामने कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। उम्मीदें थी कि इस सीट पर कड़ा मुकाबला होगा। किंतु ऐन मौके पर पटेल ने अपना पर्चा वापस लेकर सुषमा की राह आसान करकर सुषमा की राह आसान कर दी।

जीत के बाद सुषमा तो केंद्र में चली गईं और मंत्री बनकर अनेक महत्वपूर्ण विभाग संभाले। मगर प्रदेश कांग्रेस तत्कालीन राजनीति में यह परिवार अत्यंत प्रभावशाली था। उनकी पुत्रवधु श्रीमती विभा पटेल ने भोपाल नगर निगम में मेयर के रूप में उल्लेखनीय कार्य कर राजनीति में अपना विशिष्ट स्थान बनाया था। लेकिन इस घटना से प्रभावित पटेल परिवार लंबे समय तक सियासी गुमनामी के साए में चला गया।

  इस बार वर्षों बाद यह दौर जिस तरह थोकबंद चल रहा है, उसमें किसे नफा और नुकसान का सवाल इसलिए गौण है क्योंकि पर्चे वापस लेने वाले नेता बड़े राजनीतिक जनाधार वाले नहीं हैं। यह डगमगाती निष्ठा और लाटरी खुलने से अधिक नहीं है। इन्हें टिकट मिलने या बिकने का सवाल भी उतना महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि अब तो जमीर भी बिक जाते हैं।


Hriday Bhoomi 24

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.