अब उनकी भी खाल खिंचे, जो पर्दे के पीछे थे दुश्मन
वो लोग कौन थे जो नियमों को ताक पर रख दे रहे थे अनुमति
प्रदीप शर्मा संपादक हृदयभूमि
– कभी याद किया है बैरागढ़ से 10 किलोमीटर दूर हरदा, टिमरनी, हंडिया, पड़ोसी जिले के शिवपुर तक गूंज सुनाने और धुएं का पहुंचना कोई मामूली बात है। अपने आसपास से एकाध-दो निपट गए तो कुछ न हुआ सोचना मतलबीपन की निशानी है।
हरदा में बारूद के बड़े विस्फोट की तुलना अफगान और तालिबान क्षेत्रों में हो रही घटनाओं से की जा सकती है। इसके मुख्य आरोपी तो गिरफ्तार हो गए और कानून अपना काम करेगा। कभी याद किया है बैरागढ़ से 10 किलोमीटर दूर हरदा, टिमरनी, हंडिया, पड़ोसी जिले के शिवपुर तक गूंज सुनाने और धुएं का पहुंचना कोई मामूली बात है। अपने आसपास से एकाध-दो निपट गए तो कुछ न हुआ, ऐसा जरा भी सोचना मतलबीपन की निशानी है।
– इस मामले के पीछे छिपे उन विशिष्ट लोगों की भी खाल खिंचनी चाहिए, जिन्होंने बैन लगने के बाद भी अनुमति देकर इस कारखाने को खुलवा दिया।
मुख्य आरोपियों को तो सजा मिल जाए कहीं ऐसा न हो कि पर्दे के पीछे छिपे विलन बच जाएं।