#मिसाल : सेवानिवृत्ति के बाद भी गई नहीं देशभक्ति
सियाचिन ग्लेशियर में सैनिकों के लिए अपने पैसों से बनाया आक्सीजन संयंत्र

हृदयभूमि न्यूज़।
देश की सेना में कुछ ऐसे सैन्य संस्कार हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद भी सैनिकों और सैन्य अधिकारियों में देशभक्ति की ज्वाला धधकती रहती है। गत दिनों हमारे एक पूर्व वायु सेना अधिकारी ने इसकी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने निजी पैसों से सियाचिन ग्लेशियर में सैनिकों के लिए आक्सीजन संयंत्र बनाकर राष्ट्र को समर्पित किया है, जो वहां देश की सीमा रक्षा कर रहे सैनिकों के लिए जीवनदायी होगा।
प्रधानमंत्री के बगल में बैठे पुणे निवासी योगेश सिद्धार्थ और उनकी पत्नी सुमीता सिद्धार्थ। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई देने के लिए अपने निवास पर आमंत्रित किया है।
श्री योगेश सिद्धार्थ भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। सियाचिन ग्लेशियर में तैनात हमारे सैनिकों को समय-समय पर ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ता था।इस समस्या का समाधान खोजने के लिए योगेश सिद्धार्थ ने अपने सारे बचत और घर के सारे गहने बेच दिए और कुल ₹1.25 करोड़ की लागत से सियाचिन में एक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित कर दिया। यह दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है जहां आक्सीजन की कमी की समस्या सामने आती है। इस संयंत्र का परिणाम यह हुआ कि वहां यह अब समाप्त हो गई है और अब हमारे 20,000 सैनिकों को आवश्यक ऑक्सीजन मिल रही है।
योगेश सिद्धार्थ और उनकी पत्नी सुमीता सिद्धार्थ ने चुपचाप रहकर देशभक्ति का यह दुर्लभ कार्य किया है। यह दंपति वास्तव में प्रशंसा के पात्र हैं।
