प्रदीप शर्मा संपादक
देश के महान नेताओं के वंशज राहुल गांधी का इसलिए तिरस्कार किया जाना चाहिए कि वे हिंदुस्तान में रहकर निहित राजनीतिक पूर्वाग्रह के चलते हिंदुओं को हिंसक बताते हैं। कभी यही नेता स्वयं को जनेऊधारी ब्राह्मण बताते आए हैं। इन्हें याद होना चाहिए कि वैश्विक इतिहास कि किसी भी घटना में धर्म के आधार पर हिंदुओं द्वारा हमला करने की एक भी मिसाल नहीं मिलती है।
यह हिंदू समाज की आपसी सामंजस्यता है कि दुनिया भर से खदेड़े गए यहूदियों को यहां शरण मिली और वे आज हिंदुस्तान में सबसे अमीर कौम के रूप में याद किए जाते हैं।
इसाई समुदाय के लोग भी यहां सबसे सुरक्षित हैं। और सिक्ख और जैन समाज तो स्वयं को हिंदुओं से अलग नहीं मानता।
देश के नेता प्रतिपक्ष के इस बयान से लगता है कि वे देश मेंं विभाजनकारी मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं, जिसने देश के दो टुकड़े किए थे।