प्रदीप शर्मा संपादक –
केंद्र सरकार में मंत्री बनने पश्चात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पार्टी की लाईन एक व्यक्ति एक पद का पालन करते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसी स्थिति में अध्यक्ष बनाने के लिए आधा दर्जन नेताओं की चर्चा है। राजनीति के गलियारे में इसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि पार्टी में श्रीमती सुषमा स्वराज के बाद रिक्त हुए महिला नेतृत्व की भरपाई करना सबसे जरूरी है। इसे देखते हुए अमेठी में हार के बाद रेस से बाहर हुई स्मृति ईरानी पार्टी में महिला नेतृत्व का चेहरा बन सकती हैं। ईरानी वाकपटु होने के साथ उन्हें वर्तमान राजनीति की अच्छी समझ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समर्थक भी हैं। इस चुनाव से थोड़ा फ्रंटफुट पर आई कांग्रेस को विशेषकर राहुल गांधी को घेरने में ईरानी का कोई जवाब नहीं। इसे देखते हुए अध्यक्ष हेतु पार्टी उनके नाम पर विचार कर सकती है। याद रहे कि एक-दो हार के बाद भाजपा में किसी नेता को लूपलाईन में डालने की परंपरा नहीं है। पार्टी के नेता स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और श्रीमती सुषमा स्वराज को हार के बावजूद पार्टी का मुख्य चेहरा बनाए रखा था। इसलिए ईरानी को सामने लाना कोई अपवाद नहीं होगा।
जानकार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए अनुराग ठाकुर का नाम भी इस पद के लिए मुफीद मान रहे हैं। इसका कारण यह कि वे कुशल वक्ता होने के साथ पार्टी पार्टी का युवा चेहरा बन सकते हैं। इससे देश की नई पीढ़ी को जोड़ा जा सकता है। पार्टी नहीं चाहती कि पुराने चेहरों को सामने लाकर नई पीढ़ी से दूर हो जाए। ठाकुर को राजनीति की अच्छी समझ है और वे मोदी के समर्थक भी हैं। इससे सत्ता और संगठन के बीच अच्छा तालमेल बनेगा।
- यूं तो और भी नाम चर्चा में हैं मगर वे क्षेत्र विशेष तक ही सीमित होने से उन्हें इतना महत्वपूर्ण पद सौंपना ठीक नहीं रहेगा। माना जा रहा है कि पार्टी संगठन शीघ्र ही किसी नेता को अध्यक्ष बनाकर नई लाईन की शुरूआत करेगी।