प्रदीप शर्मा हरदा।
मान लिया कि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन का नगर के राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने नगरपालिका में अध्यक्ष रहते शहर के विकास को नई दिशाएं दी हैं। मगर इन सारी उपलब्धियों के पीछे परोक्ष रूप से तत्कालीन विधायक एवं मंत्री कमल पटेल का भी सहयोग बना रहा। इसे झूठलाया नहीं जा सकता। अलबत्ता यह अवश्य हुआ कि नगर के इतिहास में भाजपा से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन का नगर के राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने नगरपालिका में अध्यक्ष रहते शहर के विकास को नई दिशाएं दी हैं। मगर इन सारी उपलब्धियों के पीछे परोक्ष रूप से तत्कालीन विधायक एवं मंत्री कमल पटेल का भी सहयोग बना रहा। इसे झूठलाया नहीं जा सकता।
अलबत्ता यह अवश्य हुआ कि भाजपा से सुरेंद्र जैन के मोहभंग और त्यागपत्र से इसकी कुछ भरपाई पार्टी नेता कमल पटेल को अवश्य करनी पड़ेगी।
राजनीतिक हल्के से छनकर जो जानकारी सामने आ रही हैं उससे पता चलता है कि जिले के वैश्य समाज से अनेक लोग श्री पटेल के संपर्क में बने हुए हैं। वहीं हरदा के व्यवसाय जगत की कुछ हस्तियां पहले से ही साथ हैं, जिनका समाज में अच्छा दखल है। वहीं खिरकिया में भी अनेक लोग श्री पटेल के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं।ऐसी स्थिति में जैन के जाने से चुनाव में भाजपा को क्या नुकसान होगा अभी यह कहना मुश्किल नजर आता है।