प्रदीप शर्मा संपादक हृदयभूमि।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौर में मेघावती महिला नेत्रियों की ऐसी कतार लग गई कि अब विपक्ष में काफी हाय-तौबा है। देश की राजधानी नई दिल्ली में युवा भाजपा नेत्री बांसुरी स्वराज ने बता दिया है कोई उन्हें कमजोर समझने की हिमाकत न करे। अभी कुछ दिनों पूर्व ‘टाइम्स नाउ’ नवभारत के न्यूज चैनल पर कुशल एंकर राधिका जी के समक्ष दिए साक्षात्कार से यह साफ है कि भारतीय राजनीति में बांसुरी स्वराज भी एक संभावित महिला नेत्री हैं।
बांसुरी स्वराज ने हर सवालों का जवाब देकर अपनी प्रत्युत्पन्नमति का परिचय तो दिया ही साथ में अपने राजनीतिक कैरियर पर उठते सवालों का हिसाब दिया। उन्होंने थोपे गए नेताओं और जमीन पर काम करके आने वाले नेताओं के बीच एक विभाजन रेखा खींची। साथ ही बताया कि वे अपनी मां सुषमा स्वराज के नाम का सहारा लेकर नहीं बढ़ रहीं। हां वे उनकी प्रेरणा अवश्य हैं।
- उन्होंने अपने अब तक के जीवन में राजनीतिक कारणों से उठे सवालों का जवाब देकर कहा कि आरोप लगाने वाले नेता पहले तैयारी तो करके आएं। साफ है वर्तमान राजनीति के दौर में आईटी और सूचना क्रांति के चलते यह सबसे बड़ी आवश्यकता है। मगर नए जमाने की युवा नेत्री बांसुरी के सामने पुरानी रटी-रटाई थीम से घेरने वाले नेता टिक नहीं पाते।