September 15, 2024 |
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# साहित्य जो दिल को छू गया…

धन्यवाद दुष्यंत जी : खुदा न सही, न सही, मैं बेकरार हूं आवाज में असर के लिए

हिन्दी में कभी गज़ल नहीं था। मगर दुष्यंत साहब ने हिंदी में लिखकर क्या गजब ढाया कि हरेक लेखक और पत्रकारों को उनकी पंक्तियां *कोट*…