
हरदा। मध्यप्रदेश के विभाजन पश्चात परिवार पेंशनर्स को दायित्वों के भुगतान हेतु मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य के पुनर्गठन अधिनियम 2000 की छटी अनुसूची की धारा 6 को समाप्त करने वरिष्ठ नागरिक पेंशन एसोशिएशन की जिला इकाई द्वारा प्रदेश के मुख्य मंत्री को संबोधित ज्ञापन संयुक्त कलेक्टर हरदा सतीश कुमार राय को सौंपा गया।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पीसी पोर्ते ने बताया कि संगठन लंबे समय से यह मांग करता आया है। वरिष्ठ नागरिक पेंशनर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार आज फिर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है। इसमें म.प्र एवं छ.ग. पुनर्गठन अधिनियम 2000 की छटी अनुसूची की धारा 6 के अंतर्गत म.प्र. राज्य पेंशनरो को महंगाई राहत के भुगतान स्वीकृति के पूर्व छत्तीसगढ़ से सहमति प्राप्त किये जाने हेतु मध्य प्रदेश के तातकालीन वित्त सचिव एपी श्रीवास्तव द्वारा प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़. शासन वित्त को पत्र लिखा गया था तब से भुगतान के पूर्व निरंतर सहमति प्राप्त करने की परंपरा चली आ रही है को समाप्त किए जाने हेतु निवेदन किया।
ज्ञात हो कि वर्ष 2000 के पूर्व स्वीकृति प्राप्त नही की जाती थी। मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ पुनर्गठन अधिनियम 2000 की छटी अनुसूची की धारा 6 के अंतर्गत पेंशनर्स/परिवार पेंशनर्स की महंगाई राहत के भुगतान के पूर्व छत्तीसगढ राज्य से सहमति प्राप्त करने का कोई प्रावधान नही है जिस संबंध में भारत सरकार के पत्र दिनांक 13 नवम्बर 2017 द्वारा इस स्पष्ट किया गया है के बावजूद उक्त अवैधानिक परम्परा चालू है को शीघ्र समाप्त कर नियमित रूप से केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत महंगाई राहत के अनुसार मध्यप्रदेश के पेंशनर्स परिवार पेंशनर्स को महंगाई राहत दिये जाने के आदेश जारी किए जाने की मांग की गई है।
इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रभारी आरवी सगर, जिला अध्यक्ष पीसी पोर्ते, संभागीय सचिव रमेश मसकोले, मीडिया प्रभारी बीएल गुर्जर, कोषाध्यक्ष हरिराम मंडराई, तहसील अध्यक्ष शैलेन्द्र बांके, मनमोहन पाटिल, पवन धुर्वे, जीपी धनगर एसोसिएशन के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
