प्रदीप शर्मा संपादक।
पिछले 10 दिनों से पुलिस के साथ लुका-छिपी के खेल में आखिर पस्त होकर ऊंट को पहाड़ के नीचे आना पड़ा है। गिरफ्त में आया यह दरिंदा कोई खूंखार अपराधी नहीं बल्कि पाॅक्सो एक्ट के तहत मासूम के साथ बलात्कार करने का आरोपी है। जिसे कड़ी सजा मिलेगी। बीते दिनों सर्व समाज व सामाजिक संगठनों के विरोध पश्चात उच्च स्तर पर सतर्क में आए पुलिस विभाग ने इसे गंभीरता से लेकर दिन-रात भाग-दौड़ की।
अभी लगभग चार दिन पूर्व आरोपी सुनील कोरकू की लोकेशन सिराली के पास मिलने पर पुलिस कप्तान अभिनव चौकसे ने आसपास के क्षेत्र खासकर वनांचल में सिविल ड्रेस में अपनी टीम का जाल बिछाया।
दो दिन पूर्व हरदा के बैतूल जिले की सीमा से सटे ग्राम कायदा में पैदल घूमते भूखे-प्यासे आरोपी द्वारा खाना मांगने की जानकारी पर मिली थी। मगर ऐन मौके पर वह चकमा देकर खेतों के रास्ते होकर भाग लिया।
आरोपी की गतिविधियों के आधार पर पुलिस टीम के कुछ जवान सादी वेशभूषा में वहां भी तैनात किए गए जहां आदिवासी समाज में उसके समाज के लोगों की बहुतायत थ। वहीं बैतूल बार्डर से लगे सभी गांवों की सीमा भी बंद कर दी। ताकि वह कहीं भागने न पाए।
ऐसी स्थिति में थक-हार कर आरोपी जब वापस लौट रहा था, तब लोकेशन के आधार पर उसे रहटगांव के समीप ग्राम नजरपुरा समीप पुलिस टीम ने उसे सिविल ड्रेस में धर दबोचा।
इस तरह शायद पाक्सो एक्ट का ऐसा पहला मामला भी बन गया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिये इतना बड़ा बल तैनात कर दिनरात निगरानी की गई। इसमें कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा मंगाए गए नाईट विजन ड्रोन कैमरे और एसपी अभिनव चौकसे के निर्देशन में पुलिस टीम ने अहम भूमिका निभाई।