भोपाल। इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टियों के लिए बी-फॉर्म ट्रंप कार्ड साबित होगा खासकर कांग्रेस के लिए। गौरतलब है कि अभी तक कांग्रेस ने 7 प्रत्याशियों का टिकट बदल दिया है। ऐसे में उम्मीदवार बदलने की चल रही अटकलों के बीच बी-फॉर्म ट्रंप कार्ड हो सकता है। उम्मीदवार चयन को लेकर उपजा असंतोष और उसके बाद होने वाले सेबोटेज को देखते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता बीच का रास्ता तलाश रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस चाहती है कि चुनाव में सेबोटेज का खतरा कम से कम हो और पार्टी को नुकसान न हो। उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में हो रहे विरोध को देखते हुए पार्टी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को लेकर एक बार फिर से रिव्यू करेगी, जहां पर विरोध के स्वर ज्यादा तेज हैं। यदि इसमें कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के साथ कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की सहमति बनी तो कुछ के टिकट बदले जा सकते हैं। ऐसी 5-6 सीटें हो सकती है, जिन पर यह निर्णय हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस पहले यह तय करेगी कि असंतोष को खत्म करने के चलते कहीं नए उम्मीदवार का सेबोटेज ज्यादा न हो जाए। इसके लिए कांग्रेस रणनीति के तहत दो दिन तक जितने भी असंतुष्ट नेता और कार्यकर्ता हैं, उन्हें मनाने का काम करेगी। इसके बाद वह टिकट बदलने के लिए ऐनवक्त पर बी-फॉर्म का उपयोग कर सकती है। 30 अक्टूबर को नामांकन भरने का अंतिम दिन है। कांग्रेस इस पर भी विचार कर रही है कि जिन सीटों पर उम्मीदवार बदले जाएं, उनकी सार्वजनिक घोषणा न करते हुए सीधे बी-फॉर्म ही उनके पास भेजा जाएगा, उस बी-फॉर्म को उम्मीदवार 30 अक्टूबर को ही जमा करेंगे। ऐसी लगभग 6 सीटों पर 30 अक्टूबर को ही बी- फॉर्म भोपाल से भेजे जा सकते हैं। इधर प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में पिछले दो दिनों से बी-फॉर्म उम्मीदवारों को दिए जा रहे हैं। कांग्रेस दफ्तर से 102 उम्मीदवार यह फॉर्म लेकर जा चुके हैं।