November 9, 2024 |
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तालाब में कैक्टस लगाकर पर्यावरणविद मोलीशंकर खुश

अनोखी कार्यशैली से टिमरनी के तालाब में हो न जाए बंटाढार

Hriday Bhoomi 24

अनोखी कार्यशैली से टिमरनी के तालाब में डूब न जाए लुटिया। बकौल गालिब ‘नाव वहां डूबा जहां पानी बहुत कम था।’

जिस तालाब में पानी नहीं है वहां पर्यावरणविद मोलीशंकर की जिद है कि फूल खिलाएंगे। मगर जमीन का सही चुनाव न कर पाने से वे कांटे जरूर लगा बैठे। अब उनका कहना है कि सीजन तो खत्म हो गया, इसलिए खाद-बीज का कोई मतलब नहीं है।

इस पोस्ट का राजनीति से कोई  नाता नहीं। ये खेती-किसानी की बातें हैं जो जानकार लोग जानते हैं।


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