तैयार हो जाएं देशवासी : अब मिलेगा 60रुपए किलो आटा
किसानों की सभी मांगों के समक्ष झुक सकती हैं सरकारें
-यह फोटो प्रतीकात्मक है इसका किसी कोई लेना-देना नहीं है-
प्रदीप शर्मा संपादक हरदा।
किसानों के विराट प्रदर्शन के सामने झुककर विराट लोकतंत्र की सरकारों का झुकना लाजिमी है। सो हालिया प्रदर्शन के सामने यदि ऐसा कुछ हो जाए तो इसके लिए तैयार हो जाएं मेरे देशवासियों। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो हमारी केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसान भाईयों की लगभग सभी मांगे मान ली जाएंगी। और हर गांव में भांगड़ा नृत्य की धुन मचेगी।
सही है मान लें पूरी मांगें तो-
मगर कभी सोचा है कि किसान भाई जो देश का कथित अन्नदाता है। उसकी मांगें नहीं मानी तो वह वह खेती किसानी बंद कर देगा। फिर क्या होगा। इसके लिए देश के हर उस आमजन को फुटपाथ पर दिहाड़ी कर अपना व अपने परिवार का गुजर-बसर करने वाले मजदूरों को किसी पड़ौसी मुल्क की तरह 60 रुपए किलो में गेहूं का आटा खरीदने की तैयारी करना होगा, अन्यथा उसके सामने जहर देने के सिवाय और कुछ विकल्प शेष नहीं होगा।