हृदयभूमि, हरदा।
इस बार आनन-फानन में लगे फटाका बाजार में दुकानों के बीच कम फासला रहना चिंताजनक बना रहा। दैवयोग से सब ठीक-ठाक रहा।
हरदा के समीप ग्राम बैरागढ़ स्थित फटाका फैक्ट्री में ब्लास्ट होने के कारण जिला प्रशासन द्वारा यहां फटाका निर्माण पर रोक लगाने के कारण दूसरी अन्य फैक्ट्री में भी उत्पादन नहीं हुआ। वहीं फटाके के संग्रहण पर भी रोक होने के कारण लोगों को सस्ते दामों पर लोकल उत्पाद मिल नहीं पाए। इसके परिणामस्वरूप बाहर से बुलाई आतिशबाजी महंगी मिलने पर दिवाली का मजा किरकिरा हो गया। कहने को तो बड़े और संपन्न परिवार के लोगों ने जी भरकर फटाके फोड़े मगर गरीब और मध्यम आयवर्गीय परिवारों की दिवाली फीकी रही।
फटाकों की दुकान भी कम लगी-
बैरागढ़ में हुए फटाका फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद आतिशबाजी पर लगी रोक की वजह से दीपावली चार-पांच दिन पूर्व तक फटाका कारोबारियों में उहापोह की स्थिति बनी रही। जैसे-तैसे स्थानीय नगर पालिका द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर के नजदीक हैलीपैड ग्राउंड पर फटाका बाजार की नीलामी की गई। सशर्त हुई इस नीलामी में इस बार कम ही व्यापारी इसमें भाग ले पाए। ऐन मौके पर दुकानें मिलने पर जैसे-तैसे बाजार सजाया गया। मगर पचास से कुछ अधिक ही दुकानें लगीं। वहीं दिवाली तक कम समय होने की वजह भी ढंग से कारोबार नहीं हो पाया।
दुकानों के बीच पर्याप्त दूरी नहीं–
सजा बाजार एक बात यह ठीक रही कि बाजार में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। दुकानों की नीलामी बाद किसी तरह बाजार तो सजा। यहां दुकानों पर आग से सुरक्षा हेतु रेती रखने और निकाय द्वारा फायरब्रिगेड के भी इंतजाम मौके पर किए गए। किंतु जगह कम होने से दुकानों के बीच तीन-तीन मीटर के फासले पर ध्यान नहीं दिया जा सका। वहीं कुछेक दुकानें ऐसी भी थी जिनके नाम वाले बोर्ड सिरे से नदारद थे।
रोशनी में नहाया शहर-
यूं तो बैरागढ़ फैक्ट्री में ब्लास्ट से कुछ परिवारों पर आई विपदा के कारण दीपावली पर ज्यादा धूम-धड़ाका न करने का मन बनाया गया था। फिर भी दियों की रोशनी और बिजली वल्बों की सीरिज से शहर जगमग बना रहा।