April 19, 2025 |
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राम के आदर्शों को जीवन में उतारें, तो मिलेंगे राम

आचार्य रामचंद्र साकल्ले ने कहा

Hriday Bhoomi 24

हरदा। भगवान राम के आदर्श और मर्यादा को आचरण में उतारना ही उनका सच्चा स्मरण है, केवल दर्शन भर करने से राम की आराधना की पूर्ण नहीं होती।
ये उद्गार जानेमाने कथा वाचक आचार्य महेन्द्र साकल्ले “सूरदास जी” ने हरदा नगर के बृज-शान्ति परिसर मे चल रही सात दिवसीय संगीतमय राम कथा के तृतीय दिवस व्यक्त किये।
उल्लेखनीय है कि हरदा नगर के मुख्य जैन मंदिर क्षेत्र के निकट स्थित बृज-शान्ति परिसर मे सात दिवसीय संगीतमय राम कथा का आयोजन दिनांक 23 से 29 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है।
अयोध्या मे प्रभु राम के भव्य मंदिर निर्माण होने तथा हरदा नगर के बैरागड क्षेत्र में पिछले दिनों हुऐ भीषण विस्फोट हादसे मे मारे गए लोगों की आत्मा की शान्ति के लिये यह आयोजन किया जा रहा है।
आयोजन के तृतीय दिवस एकत्रित जन समुदाय को संबोधित करते हुए आचार्य महेन्द्र साकल्ले “सूरदास” जी ने कहा कि अगर हमे मनुष्य जन्म को सार्थक करना है तो राम के व्यक्तित्व को अपने व्यवहार और आचरण में उतारना होगा। उल्लेखनीय है कि आचार्य महेन्द्र साकल्ले दोनों आखों से निरंजन हैं और अपनी भावपूर्ण कथा वाचन के लिये लोकप्रिय हैं तथा उनकी संगीत मंडली के मुख्य संगीतकार और गायक तुलसीराम भी आखों से निरंजन हैं तथा उनकी कर्णप्रिय वाणी संगीत वादन से श्रोताओं को मुग्ध करती है।


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