गलत वेतन निर्धारण बाद राशि वसूली में ब्याज अनुचित
हाईकोर्ट ने वसूली गई राशि ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया
हृदयभूमि, जबलपुर।
प्रदेश के शहडोल जिले में एक सहायक ग्रेड 2 का कथित तौर पर गलत वेतन निर्धारण होने के बाद उससे ब्याज सहित राशि अधिरोपित की गई थी। दो वर्ष पूर्व दिसंबर 2022 में रिटायरमेंट के समय उन्हें यह ब्याज भरने के निर्देश विभाग से मिले थे।
इस मामले में पीड़ित द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। पीड़ित पक्षकार की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि कर्मचारी की गलती के अभाव में, उस पर ब्याज लगाना, ब्याज लेना, घोर अन्याय एवम कर्मचारी के मूलभूत अधिकारों का हनन है। वकील ने तर्क दिया कि उक्त वेतन निर्धारण में कर्मचारी की कोई भूमिका नहीं है। अतः वसूली गई राशि पर ब्याज लगाना अनुचित है।
इस मामले में सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए सहायक ग्रेड 2 पर अधिरोपित ब्याज की राशि को निरस्त कर यह आदेश दिए कि यदि कर्मचारी से ब्याज वसूला गया है तो उसे 60 दिवस के भीतर 6 प्रतिशत ब्याज के साथ कर्मचारी को वापस किया जाए।