हृदयभूमि बैतूल।
जहां एक ओर देवास में खनिज माफिया पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर बैतूल में खनिज विभाग ऐसे माफियाओं पर हुई कार्रवाई को मटियामेट करने पर तुला हुआ है। इस जिले में खनिज माफिया की मनमानी के खिलाफ सीएम डॉ. मोहन सिंह यादव और प्रमुख सचिव खनिज निगम तक की गई थी। इसके बाद कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी की पहल पर माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। यह इससे पता चलता है कि कार्रवाई में 32 डंपर व 9 पोकलेन मशीन जप्त की थी।
लेकिन इससे रेत माफिया रिंकू, अरशद को कोई फर्क नहीं पड़ा। उच्च स्तरीय शिकायत के बाद हुई बड़ी कार्रवाई से उम्मीदें थीं कि रेत माफिया हौसले पस्त हो जाएंगे। मगर माफिया रिंकू, अरशद ने कार्रवाई के दो दिन बाद ही 9 पोकलेन मशीन एवं रेत के डंपर को छुड़ा लिए।
*सवाल तो उठेंगे*
इसमें सबसे खास बात यह कि रेत माफिया के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद बिना प्रकरण निराकरण के एवं अर्थात अर्थदंड राशि जमा कराए बिना मशीन एवं वाहनों को मुक्त कर दिए। क्या इसकी भविष्य में अर्थदंड की राशि जमा होगी या नहीं होगी। किस आधार पर एवं किन नियमों के तहत पोकलेन मशीन और वाहनों को छोड़ दिया गया। इससे जाहिर है कि उक्त कार्रवाई मात्र दिखावे की थी। इससे भले ही शासन-प्रशासन को करोड़ों की हानि हुई हो मगर रेत माफिया के हौसले उतने ही बुलंद हो गए। माफिया को वाहन सौंपते ही वह पुनः रेत का अवैध रूप से दोहन करने जुट गए हैं। माफिया द्वारा पुनः विवादित गुवाहाडी रेत खदान चालू कर दी गई है। क्या जिला प्रशासन इन माफ़ियाओ को खुली छूट प्रदान कर रहा है। सवाल यह भी है कि बैतूल कलेक्टर जिले में हो रहे रेत के अवैध कारोबार और रिंकू राठौर, अरशद जैसे रेत माफियाओ पर कोई बड़ी करवाई कर पाएंगे।