March 23, 2025 |
Search
Close this search box.

#माफिया राज : भिंड जिले के गोहद क्षेत्र में खनिज माफिया का जलवा  

आदिवासी रहवासियों पर मंडरा रहा खतरा

Hriday Bhoomi 24

51 / 100

हृदयभूमि स्पेशल न्यूज़ – 

प्रदेश के भिंड जिले में गोहद क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आई है जहां हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध खनिज माफिया हरपाल सिंह द्वारा डंके की चोट पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यहां हो रही ब्लास्टिंग से रहवासी आदिवासी परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है। मगर अफसरशाहों को इसकी जरा भी फिक्र नहीं। इससे नाराज रहवासियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर माफिया के साथ खनिज अधिकारी संजय धाकड़ और मौजा पटवारी गजेंद्र नरवरिया की मिलीभगत का आरोप लगाया है।

मध्यप्रदेश में खनिज माफियाओं की मौज इस कदर है कि हरदा जिला सहित अन्य सभी जिलों में खनिज माफिया का रसूख बरकरार है। यहां अफसरों की मेहरबानी से एनजीटी की अवहेलना कर अवैध उत्खनन कर प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाने का गड़बड़झाला चालू है। मगर माफिया की मनमानी के विरुद्ध भिंड जिले के गोहद में आदिवासियों ने मोर्चा खोल दिया है।

खबर विस्तार से

दबंग खदान माफिया के विरुद्ध गोहद क्षेत्र के  आदिवासियों ने हिम्मत दिखाकर एसडीएम कार्यालय पहुंचकर खनिज माफिया की शिकायत दर्ज कराई। मौके पर आदिवासियों ने खनिज माफिया और खनिज अधिकारी संजय धाकड़, मौजा पटवारी गजेंद्र नरवरिया, राजस्व अधिकारी पराग जैन, खदान माफिया हरपाल तोमर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

आजाद समाज पार्टी ने किया समर्थन-

आदिवासी समाज के समर्थन में उतरे आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष ने ज्ञापन देकर सात दिवस में कार्यवाही करने की मांग की है।
अब देखना होगा कि जांच अधिकारी दबंग खनन माफिया के समर्थन में रहेंगे या‌ बेवश, कमजोर, अनपढ़ आदिवासियों के पक्ष में कोई कदम उठाते हैं।

*ब्लास्टिंग से आदिवासी घायल*

उत्खनन करने में माफिया द्वारा की गई ब्लास्टिंग से घायल आदिवासी ने बताया के ब्लास्टिंग से उसके पैर में चोट लगी थी। इसमें समुचित इलाज न होने से मवाद आ गया है। पीड़ित ने बताया कि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निर्देश पर हमें प्रधानमंत्री आवास मिले थे पर अब वहां उन आवासों में रहना जोखिम भरा हो गया है। यहां छोटे-छोटे बच्चों के साथ महिलाओं के साथ निवास करते आदिवासियों के परिवार डर भय के साए में हैं। ज्ञात रहे कि पूर्व में भी यहां कई घटनाएं हो चुकी है। लेकिन स्थानीय प्रशासन सांठगांठ के चलते कार्यवाही से कौसो दूर भाग रहा है।

ईओडबल्यू में होगी अधिकारी की शिकायत
सूत्रों का कहना है कि अवैध खनन में मुख्य भूमिका निभा रहे माइनिंग इन्स्पेक्टर संजय धाकड़ आय से अर्जित सम्पत्ति अर्जित कर रहे हैं। इस बारे में उनकी शिकायत “ई‌ओडब्लू” को भेजी जा रही है। हांलांकि अब आदिवासियो के परिवार, मुस्लिम परिवार भी अपनी लड़ाई लड़ने की तैयारी में लग रहे हैं

क्या लिखा ज्ञापन में-

आबादी क्षेत्र में ग्राम डांग के निवासियों के बालक-बालिकाओं के लिये विद्यालय एवं खेल के मैदान है। यहां काफी संख्या में विद्यार्थी पढ़ते एवं खेलते हैं तथा वे वहाँ प्रातः काल से सांयं तक रहते हैं ।
ग्राम डांग तह. गोहद जिला भिण्ड के आबादी क्षेत्र से सर्वे क्रं. 4 की भूमि लगी हुई है। इससे लगे तालाब का निर्माण जनपद से मिले अनुदान से ग्राम पंचायत डांग में ग्रामीण आबादी के दैनिक उपयोग हेतु आवश्यक जल उपलब्ध कराने हेतु कराया है। 

म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधान के अनुसार ग्रामीण आबादी क्षेत्र, विद्यालय, बालक- बालिकाओं के खेल मैदान, जल संरक्षण बॉडी के समीप खदान का पट्टा स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।

पूर्व में ग्राम डांग के आबादी क्षेत्र के समीप स्थित भूमि सर्वे क्र. 749 में खदान के पट्टे की स्वीकृति आदेश को

न्यायालय, म.प्र. खंडपीव बालियर ने रिट माचिका क 1384/2007 (पी.वाई.एल.) में पारित आदेश दि. 17.07.2007 द्वारा जग डांग की भूमि सर्वे क्र. 749 आबादी के समीप होने से जरा गर स्थित खदान स्वीकृति के आदेश को निरस्त किया है। उक्त ग्रामीण क्षेत्र के समीप स्थित खदान तत्समय से ही बंद है।

यह कि, पूर्व में ग्राम डांग के आबादी क्षेत्र मातादीन का पुरा, खेल मैदान, विद्यालय, तालाब से क्रमशः 20 मीटर, 170 मीटर एवं 30 गीटर दूर भूमि सर्वे क्र. 4 की खदान को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दि. 17.07.2007 (ऐनेक्चर-1) विपरीत पत्थर खदान श्री किशनपाल सिंह पुत्र महेश सिंह, निवासी ग्राम नबादा को वर्ष 2006 में स्वीकृत है। किशन पाल सिंह ने उसे स्वीकृत खदान के लगे अन्य क्षेत्र में भी अवैध रूप से पत्थर का उत्खनन किया। इस कारण उसके विरूद्ध म.प्र.भू.रा.संहिता की धारा 247(7) के अंतर्गत कार्यवाही कर प्र.क. 0005/2009-2010/3-67 वचनमान ग. प्र. शासन विरुद्ध किशनपाल सिंह वगैरह में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी गोहद जिला भिण्ड द्वारा पारित आदेश दिनांक 10.11.2014 से उक्त किशनपाल सिंह के विरूद्ध रु. 4,54,00,000/- (रू. चार करोड चौबन लाख) का अर्थदण्ड अधिरोपित की कार्यवाही हेतु निर्देशित किया था। उक्त आदेश की प्रति सुलभ संदर्भ हेतु ऐनेक्वनर-2 संलग्न है। संबंधित कर्मचारियों की मिलीभगत से अर्थदण्ड की उक्त राशि आज तक वसूल नहीं की गई है। इतना हीं नहीं उक्त धनराशि बकाया होने के बाद भी वर्ष 2019 में उक्त खदान का नवीनीकरण कर दिया जो उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।

-उक्त खदान के अवैध रूप से उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना में संचालित होने से आबादी क्षेत्र में पब्लिक मनी से पंचायत द्वारा निर्माण किया गया तालाब खदान में उत्तर जाने से ग्रामीण जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा खदान में ब्लास्टिंग द्वारा पत्थर उत्खनन होने से पत्थर विद्यालय, खेत-मैदान में गिरते हैं जिससे कई बार कई ग्रामीण घायल हुये हैं। तथा कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है।


Hriday Bhoomi 24

हमारी एंड्राइड न्यूज़ एप्प डाउनलोड करें

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Leave A Reply

Your email address will not be published.