हृदयभूमि हरदा।
मध्यप्रदेश व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड (प्रवेश) परीक्षा 2022 में अनुसूचित जनजाति के कुल 121 पदों हेतु परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें एक भी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ। इस मुद्दे को लेकर अजाक्स संगठन के पदाधिकारियों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन संयुक्त कलेक्टर रजनी वर्मा को सौंपा। इसमें अजाक्स ने चयन प्रक्रिया पर एक बार फिर पुनर्विचार करने की मांग की है।
सौंपा ज्ञापन-
जानकारी के अनुसार अजाक्स जिलाध्यक्ष श्रीमती सीमा निराला ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि गत दिनों उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर द्वारा व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड (प्रवेश) परीक्षा 2022 में निकली विज्ञप्ति अनुसार अनुसूचित जनजाति के कुल 121 पदों की परीक्षा हुई। मगर इसमें एक भी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ है। जो पूर्णतः अवैधानिक है। इसलिए उक्त चयन प्रक्रिया में पुनर्विचार किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है।
ज्ञापन सौंपे जाने के अवसर पर अजाक्स जिलाध्यक्ष श्रीमती सीमा निराला, अजाक्स जिला उपाध्यक्ष डॉ. प्रेमनारायण ईवने, कोषाध्यक्ष बालाराम आहके, प्रवक्ता सुभाष मसकोले, महासचिव ज्योति परते, ब्लाक अध्यक्ष टीआर चोरे, फूलसिंह उईके, रूपेश मेहरा, प्रयागराज रूरे, पीसी मेहरा, बविता जोठे, एनपी मेहरा, अनिता पंदराम, समोती उईके, उषा ठाकरे, पवन विरहा, दुर्गेश सिंगोरे, राष्ट्रीय एससी परिषद की जिलाध्यक्ष श्रीमती अनिता दमाडे, नर्मदा प्रसाद चौधरी सहित अजाक्स पदाधिकारी व अन्य सामाजिक बंधु उपस्थित थे।