खामोश ! अब चुनाव परिणाम आने वाले हैं
चर्चाओं के बाजार में पसरा सन्नाटा, मतगणना के नजदीक आते-आते बढ़ रही बेचैनी
प्रदीप शर्मा हरदा।
क्या होगा अब, यह कहने से बचने लगे हैं लोग। क्या पता कोई और जीतकर न आ जाए। मिलते भी हैं एक-दूसरे से तो कान में फुसफुसा कर पूछते हैं कि सब ठीक तो है न। बीते दिनों लोगों के बर्ताव में धीरे-धीरे कुछ ऐसा परिवर्तन आया है।
प्रदेश के सबसे छोटे जिले में शुमार हरदा जिले की दोनों विधानसभा सीट हरदा और टिमरनी के बारे में अब लोग कुछ कहने से बच रहे हैं। इनके मिजाज में आई यह तब्दीली बता रही है कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं।
ऐसा इसलिए कि क्षेत्र की इन दोनों सीटों ने हालिया वर्षों में अपनी पसंदगी भी बदलकर दिखाई है। फिर भी उम्मीदों का क्या? महाकवि जयशंकर प्रसाद ने भी एक स्थान पर कहा है कि – आशा से आकाश थमा है …। सो सभी अपनी-अपनी उम्मीदों की गठरी बांधे बैठे हैं।