हरदा। जिले के वनांचल क्षेत्र में अभी भी वह जागृति नहीं आई है, जो आजादी के बाद बीते सात दशकों में आनी चाहिए। यहां राष्ट्रीय पर्व के मौके पर अशिक्षित लोगों को छोड़ दिया जाए, तब भी ज्ञान का संदेश देने वाले गुरूओं की लापरवाही अनदेखी नहीं की जा सकती।
फहराने व उतारने में नियमों की अनदेखी-
जानकारी के अनुसार जिले में टेमागांव के समीप शासकीय स्कूलों में इस राष्ट्रीय पर्व पर नियमों की अनदेखी के मामलात हुए हैं। सूत्रों से सूचना मिली कि स्वतंत्रता दिवस पर भी वहां के शिक्षक पूरे समय कार्यक्रम स्थल पर मौजूद नहीं रहे। ग्राम लोधीढाना में तो तिरंगे झंडे को तिरछा लगा दिया। यहां आड़े-तिरछे बांस के सहारे राष्ट्रध्वज लहरा दिया, जिससे ध्वज तिरछा और झुका दिखाई दिया।
-वनग्राम बोरी के कार्यक्रम में मात्र एक ही शिक्षक उपस्थित था बाकी आधे समय बाद चले गए। बताया जाता है कि ये कार्य मुख्यालय पर न रह बाहर से आवागमन करते हैं। जबकि शासन के नियमानुसार शिक्षकों को मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर के दायरे में निवास करना चाहिए।
–वनग्राम नींबूढाना में भी शिक्षक आधे समय के बाद नजर नहीं आए। वहां शाम के समय बच्चों से झंडा उतरवाया गया।
ऐसे में बच्चों से ध्वज अवरोहण नियमों में त्रुटि होने की आशंका थी। इस बारे में संबंधित स्थानीय शिक्षा विभाग को सूचना दी गई। वहीं एसडीएम महेश बडोले को भी इसकी जानकारी वीडियो क्लिप से दी गई। ऐसा पता चला है कि प्रशासन ने भी जांच के आदेश दिए हैं।