प्रदीप शर्मा संपादक
हाल ही केंद्र सरकार द्वारा दी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को दी गई मंजूरी पर कर्मचारी जगत में बड़ा बवाल मचा है। केंद्र के साथ शायद राज्य सरकार का कर्मचारी अमला भी इससे प्रभावित होगा। मगर इस योजना में कर्मचारियों ने अपने अनुदान पर अड़ंगा लगाकर इसे रोकने का प्रयास किया है।जब इन सभी कर्मचारियों को अपने दफ्तर में बैठ, मात्र आठ घंटे की सेवा हर उस जनसामान्य को देनी है, तो सातवां वेतनमान लेने के बाद ये लोग ‘यूपीएस’ नहीं ‘ओपीएस’ की मांग कर रहे।
क्या है यूपीएस और यूपीएस
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की इस पेंशन योजना से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। यह योजना आगामी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। फिर ‘ओपीएस’ ऐसा क्या था? जो अब ‘यूपीएस’ में नहीं। तो जानते हैं इन दोनों पेंशन योजनाओं में अंतर-
क्या है लाभ –
तो सुनिए या पढ़िए (अधिकांश लोग पढ़ते नहीं, मगर मैं जिम्मेदारी से लिख रहा) कि इस यूपीएस योजना से 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
क्या है यूपीएस और ओपीएस –
केंद्र सरकार की इस नई यूपीएस योजना में लाभ मिलेगा, जिसके तहत कर्मचारी के 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट के बाद आजीवन मिलेगा। बस नई योजना में कर्मचारियों को न्यूनतम 25 साल सेवा देनी होगी। इसमें समय-समय महंगाई राहत भी जोड़ा जाएगा।