सतना। इस बार देश में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में मोदी लहर सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मध्यप्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कमान ने सभी सीटों पर विजय पाने की रणनीति बनाई है। मगर विंध्यक्षेत्र में लोकसभा सीट क्रमांक 9 सतना पर इस बार हालात उतने आसान नहीं है। यहां चुनाव फतह करने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों को कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि इस सीट पर अपेक्षित चुनाव परिणाम किसी लहर में नहीं बल्कि मैदान में संघर्ष कर हर बूथ पर मेहनत करने से मिलेंगे।
क्या है स्थिति
इसका कारण यह है कि वर्ष 2004 से इस लोकसभा सीट पर भाजपा से लगातार रहे सांसद गणेश सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने सतना क्षेत्र के वर्तमान विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू भैया को मैदान में उतारकर मुकाबला कड़ा कर दिया है। ऐसा माना गया कि चुनाव में डब्बू भैया कड़ी टक्कर दे सकते हैं। मगर ऐन मौके पर इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के नारायण त्रिपाठी के आने से चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
अब कैसे बदल रहे हालात
इस क्षेत्र में हालिया बदलाव जो आया है। उससे स्थिति एकदम बदल गई है। अब क्षेत्र के पुराने खांटी नेता नारायण त्रिपाठी की बहुजन समाज पार्टी में एंट्री पश्चात चुनाव समर में उतरने से माना जा रहा है कि भाजपा का खेल बिगाड़ गया है। अब चुनाव में बीजेपी के गणेश सिंह और कांग्रेस के प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा भी फंस गए हैं।
त्रिपाठी की सोशल इंजीनियरिंग
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि सतना मैहर बेल्ट में नारायण त्रिपाठी के अपने वोटबैंक के साथ बसपा का दलित वोट तबका साथ आने से कांग्रेस और भाजपा दोनों को नारायण त्रिपाठी समान रूप से कड़ी टक्कर दे सकते हैं। वे सोशल इंजीनियरिंग का लाभ उठा सकते हैं।