हरदा। अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर संयुक्त कलेक्टर सतीश कुमार राय को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर
जिला अजाक्स अध्यक्ष श्रीमती सीमा निराला ने कहा कि अजाक्स द्वारा पिछले वर्षों में अपनी न्यायोचित मांगों को शासन के सम्मुख है। लेकिन शासन ने उनमें अधिकांश मांगें नहीं मानी। इस कारण प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार सर्वप्रथम प्रत्येक ब्लाक, तहसील, जिला एवं संभाग स्तर पर ज्ञापन दिया जा रहा है। इसके बाद भी यदि मांगे पूरी नहीं होती हैं तो राजधानी भोपाल में प्रांतीय स्तर पर विराट आंदोलन किया जाएगा।
इस अवसर पर अजाक्स जिला अध्यक्ष सीमा निराला के साथ जिला उपाध्यक्ष डॉ प्रेम नारायण इब्ने महासचिव ज्योति परते, सुभाष मर्सकोले, कैलाश बिलारे, बेल सिंह मेहता, एन डी टुधे, पुरुषोत्तम पट्टा, कोषाध्यक्ष बिलाराम अहाके, संरक्षक राजकुमार मसकोले , पंचम उइके,ब्लॉक अध्यक्ष टी आर चोरे, तहसील अध्यक्ष फूल सिंह उइके, जोहन सिंह परते, नितेश वर्मा वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता धन सिंह भलावी, ज्योति दामाडे, रामचंद्र अहिरवार, जीडी दुधे,शैलेश बड़खडे, एसके साल्वे,निलेश बेगा राम शंकर उइके, पति राम इवने, सुमित मरकाम, ज्ञानेश माणिक, ओ पी देवहारे, कैलाश कुमरे, उषा ठाकरे अनीता पेंदराम, जसोदा ठाकुर, कविता सावनेर, राधा इवने,प्रमिला काजले, राजेश काजले, वीरेंद्र नायक, रोहित कुमरे , कृष्ण कुमार, रामस्वरूप मल्हारे, ऊषा ठाकरे, समोती उइके ,रमेश अहिरवार, सागर उइके , सहित अजाक्स आकाश सहित अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी सदस्यगण मौजूद रहे।
क्या हैं मांगें-
मध्यप्रदेश अजाक्स की प्रमुख लंबित मांग है कि
पदोन्नति में आरक्षण हेतु मनोज गोरकेला, स्पेशल कौंसिल मध्यप्रदेश द्वारा तैयार पदोन्नति नियम शीघ्र लागू किए जाएं। प्रदेश की वर्तमान स्थिति में बैकलॉग के लगभग 1 लाख 4 हजार 500 रिक्त पदों के लिए तय समय-सीमा में आवेदन लेकर वाक-इन-इंटरव्यु के माध्यम से पूर्ति की जाए। प्रदेश की न्यायिक सेवाओं में सिविल जजों की भर्ती में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण के लिए पूर्व की भांति न्यायिक सेवा सिविल जजों की भर्तियां मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाए। न्यायिक सेवा में साक्षात्कार प्रक्रिया को समाप्त किया जाए अथवा यदि संभव न हो तो साक्षात्कार के अधिकतम 10% अंक निर्धारित किया जाकर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए। इसमें साक्षात्कार हेतु न्यूनतम अंक प्राप्त करने की शर्त खत्म की जाए। उच्च पदों का प्रभार वरिष्ठता के आधार पर दिया जाए इसमें आरक्षण रोस्टर का पालन सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में आउटसोर्सिंग प्रथा समाप्त कर नियमित नियुक्ति की जाए एवं विशेष परिस्थिति में लागू करना आवश्यक हो तो उसमें आरक्षण रोस्टर का पालन किया जाए।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के छात्रों को प्रत्येक माह 10 तारीख तक छात्रवृत्ति दी जाए। प्रत्येक ब्लाक में 500, प्रत्येक तहसील में 1000, प्रत्येक जिले में 5000, प्रत्येक संभाग में 10 हजार एवं प्रदेश की राजधानी में 20000 छात्र की संख्या में छात्रावास खोला जाएंल
यहां अन्य राज्यों की भांति लोकसेवकों के हित में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए।
*अजाक्स के स्थानीय मुद्दे*
अजाक्स संगठन ने स्थानीय मुद्दे भी उठाकर इनका निराकरण करने की मांग की। इसमें जिले की टिमरनी तहसील में टिमरनी बसस्टेंड बैतूल रोड पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापना, कई वर्षों से वनभूमि पर कृषि कार्य कर जीवनयापन कर रहे अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगो को वन अधिकार पट्टे देने, ब्लाक स्तर पर महाविद्यालयीन कन्या छात्रावास खोलने, विगत दिनों जिला मुख्यालय पर एक दलित दिव्यांग युवक को सेवानिवृत्त कोषालय अधिकारी द्वारा युवक के कपड़े फाड़ कर अर्धनग्न कर नाली साफ कराने के आपराधिक मामले को फास्ट्रैक कोर्ट में चलाकर अपराधी को सख्त सजा दिलाई जाए।