श्री विजघावने के निधन से भुआणा के साहित्य जगत को अपूर्णीय क्षति
साहित्य यात्रा में मिले हैं अनेक सम्मान
हरदा। श्री भुआणा प्रांतिय गुर्जर समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं देश के ख्यातिनाम साहित्यकार श्री राधेलाल जी बिजघावने आज ब्रह्म बेला में हमारे मध्य नहीं रहे। उनके निधन से भुआणा अंचल के साहित्य जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है।
श्री विजघावने की साहित्य यात्रा
वरिष्ठ लेखक राधेलाल बिजधावने की कविता पुस्तक ‘दरख्त पर चिडिय़ा’ में उनकी 80 कविताएं संग्रहीत हैं। ये कविताएं ग्लोगल-भाषा- संस्कृति, शिल्पगत कविताई क्षमताओं के सौंदर्यशास्त्र की अद्वितीय कविताएं हैं। जिसमें विलक्षणता, विग्धता, व्यापक घृणा, तिरस्कार, उपेक्षाओं के प्रति गहन चिंताएं, चिंतन और चेतावनियां हैं। ये कविताएं विश्व कविता परिदृश्य में अपनी अलग विशिष्ट पहचान और स्थान रखती हैं।
अच्छे चित्रकार भी थे
वरिष्ठ लेखक राधेलाल बिजघावने साहित्यकार के साथ-साथ अच्छे चित्रकार भी हैं, उनके रेखांकन लगभग सभी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। साहित्य में उनका कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आलेख, आलोचना, समीक्षा में समान रूप से अधिकार है। वे ‘प्रेरणा’ पत्रिका के सहयोगी के रूप में सक्रिय रहे।
उनकी अब तक इकतीस पुस्तकें-सात उपन्यास, चार कहानी संग्रह, पांच नाटक संग्रह, चार कविता संग्रह, ग्यारह बाल साहित्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे स्व. सत्य स्वरूप माथुर स्मृति पुरस्कार, स्व. रामरतनलाल बागरे स्मृति पुरस्कार, बागीश्वरी पुरस्कार तथा गुर्जर समाज समिति भोपाल एवं मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा नागरिक अभिनंदन से सम्मानित हो चुके हैं।