😊राजनीति में कई सारी बातें ऐसी हो जाती हैं जो हंसी का पात्र बनती है। फिर चाहे वह आलू से सोना बनाने की बात हो या महाभारत काल में जीएसटी न लगाने के मजाक। कुछ इसी तरह पार्टी से बगावत करने वालों पर अनुशासन की कार्रवाई।
हुआ कुछ यूं है कि बीते 24 अक्टूबर को हरदा नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र जैन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर भोपाल में पीसीसी चीफ के समक्ष कांग्रेस की विधिवत सदस्यता ले ली।
इसमें मजेदार बात यह कि प्राथमिक सदस्यता छोड़ चुके सदस्य को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने छह साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। यानी सांप निकल जाने के बाद लकीर को पीटना।