#सौरभ शर्मा कांड का असर : शासकीय कर्मचारियों की संपत्ति भी खंगाल रही सरकार
25 दिनों में सरकारी अमले को देना है अपनी संपत्ति का ब्यौरा
हृदयभूमि, भोपाल।
पिछले दिनों भोपाल में लोकायुक्त पुलिस के छापे में सौरभ शर्मा की संपत्ति का ब्यौरा और उसके सरकारी अमले से लेन-देन की जानकारी मिलने बाद हरकत में आई प्रदेश सरकार ने एक अहम आदेश जारी किया है। इसमें अफसरों के मातहत कार्यरत स्टेनोग्राफरों, लिपिकीय अमले की संपत्ति का ब्यौरा मंगाया है। इस आदेश के परिपालन में अमले को अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन के पास जमा कराना होगा।
कर्मचारी अमले में खलबली –
मध्यप्रदेश सरकार अधिकारियों के साथ अपने सभी शासकीय कर्मचारियों की संपत्ति भी खंगाल रही है। शासन द्वारा जारी एक आदेश के परिपालन में उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा 25 दिनों के भीतर देना है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सरकार ने लगभग 850 अधिकारियों के साथ लिपिकीय अमले, स्टेनोग्राफरों आदि की संपत्ति का ब्यौरा मंगाया है। गत 6 जनवरी को जारी इस आदेश के तहत सरकारी अमले को 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का संपूर्ण ब्यौरा शासन के पास जमा कराना है। इसको लेकर कर्मचारी अमले में खलबली मची हुई है।
बेनामी संपत्ति का क्या होगा –
हम यह नहीं कहते कि सरकारी विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों के संबंध कथित सौरभ शर्मा से होंगे। मगर विभिन्न स्रोतों से इनकी ऊपरी कमाई की चर्चाएं सदैव बनी रहती हैं। इस कारण अमले के पास आय से अधिक आमदनी मामले में बेनामी संपत्ति का होना संभव है। सरकार द्वारा अमले की संपत्ति का पता लगाने बाद बेनामी संपत्ति का पता कैसे लगाया जाएगा। सो इस यक्षप्रश्न का जवाब अभी किसी के पास नहीं है।