बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा, पक्का है खनिज माफिया और अफसरों का याराना
खनिज माफिया और अफसरों की दोस्ती के किस्से मशहूर
(डिस्क्लेमर: इस फाइल फोटो का खबर से कोई नाता नहीं)
बैतूल हृदयभूमि स्पेशल स्टोरी
जिले में किसके इशारे पर और किसके संरक्षण में दिनदहाड़े अवैध रेत खनन कर नदियों का दोहन किया जा रहा है। यह एक सवाल प्रबुद्ध नागरिकों के जेहन में कौंध रहा। यहां सब कुछ याराना फिल्म के मशहूर नगमे ” बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा, सलामत रहे याराना” की तर्ज पर खनिज माफिया और विभागीय अधिकारी चला रहे हैं।
– यही वजह है कि सब कुछ आईने की तरह साफ होने के बावजूद
जिला खनिज अधिकारी मनीष पालेवाल को कुछ नजर नहीं आ रहा।
कि किस तरह खनिज निरीक्षक नागवंशी विभाग के राजस्व को नुकसान पहुंचाकर नदियों का दोहन करा रहे हैं।
– यहां रेत माफिया के साथ उनकी दोस्ती के किस्से खूब मशहूर हैं। मगर एक सवाल फिर भी बना हुआ है कि जिले में खनिज अधिकारी और जिला कलेक्टर होने के बावजूद यह अवैध काम किसके संरक्षण में चल रहा है। क्योंकि इन्हें कभी भी, कहीं भी किसी का कोई खौफ नहीं है। मीडिया द्वारा जिला प्रशासन के संज्ञान में लाने के बावजूद सब कुछ बेखटके जारी है।
यहां आपको बता दें कि
रेत ठेकेदार सतीश जादौन अभिमन्यु सिकरवार के साथ जिले में रेत का अवैध कारोबार भारी मात्रा में कर रहे है
–जिले में बिना रॉयल्टी के रेत से भरे डंपर सड़कों पर दौड़ते दिखाई देते हैं। लेकिन जिला प्रशासन की कोई कार्रवाई नजर नहीं आती।
अव्यवस्था पर सवाल तो होंगे
– सवाल यह है कि जादोंन को खनिज इंस्पेक्टर नागवंशी का संरक्षण है तो,
नागवंशी को किसका संरक्षण है?
– जिले में इतने बड़े पैमाने पर रेत ठेकेदार सतीश जादौन के साथ मिलकर चल रहा रेत के इस अवैध कारोबार की खबरें प्रदेश स्तर तक पहुंच गईं हैं।
– क्या अब मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव बैतूल जिले में हो रहे रेत के अवैध कारोबार को संज्ञान में लेकर दोषी अफसरों पर नकेल सकेंगे ?
यह सारे सवाल अभी समय के गर्भ में हैं, जिनका जवाब तलाशना अभी बाकी है, तब तक के लिए अलविदा!