November 2, 2024 |
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ब्रेकिंग न्यूज़ : खबर का असर- खेल पिच निर्माण पर लगी रोक?

जल आपदाग्रस्त जिले में पानी का दुरुपयोग कर हो रहा था निर्माण

Hriday Bhoomi 24

(यहां बन रही थी खेल पिच)

प्रदीप शर्मा संपादक हृदयभूमि हरदा।

विगत दिवस हृदयभूमि द्वारा “छात्राएं मायूस : मुख्यमंत्री को लिखी शिकायत रही बेनतीजा” शीर्षक से हरदा जिला मुख्यालय पर उत्कृष्ट विद्यालय की जमीन पर बिना अनुमति हो रहे पिच निर्माण की खबर प्रकाशित कर, बालिका छात्रावास में रहवासी छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठाया था। खबर प्रकाशित होने बाद जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती पी.एम.सिंह को फोन कर पिच निर्माण की कैफियत मंगाई। मैडम ने भी आनन-फानन में यहां कोई पिच न बनने का हवाला देकर एक पंचनामा/प्रतिवेदन तैयार करा लिया।

निर्माण से मुकरी डीईओ

निर्माण के बारे में जब हृदयभूमि ने जिला शिक्षा अधिकारी से जानना चाहा तो उन्होंने साफ कहा कि यहां ऐसा कोई निर्माण नहीं हो रहा है। जब इस प्रतिनिधि ने पिच बनाने के लिए बने गड्ढे की ओर ध्यान आकर्षित किया तो उन्होंने इसे कई साल पुराना बताया। जब उन्हें बताया कि अभी कुछ दिन पूर्व ही यहां पिच बनाने के लिए राॅ-मटेरियल की ट्राली आकर खाली हुई थी। जिसका ढेर गड्ढे के पास लगा है। तो उन्होंने उक्त मटेरियल भी काफी पहले का पड़ा होना बताकर टकराने का प्रयास किया। मगर उनके ऐसे बयानों पर उठ रहे  अनेक सवाल पूछता है हरदा का आवाम।

हकीकत बयां कर रही तस्वीर 

(पिच के  गड्ढे में डली चूने की ताजा नई लाईन)

चाहे डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) मैडम सिंह मीडिया से यह कहें कि यहां पिच निर्माण जैसा कोई कार्य नहीं चल रहा/ या वे इस आशय का कोई प्रतिवेदन अथवा पंचनामा भी अपने पास बनवाकर रख लें। या वे यह भी कहें कि उक्त गड्ढा सालों पुराना है। मगर हमारे द्वारा मौके की ली तस्वीर साफ बताती है कि पिच निर्माण के लिए बने गड्ढे में ताजा चूना डाला गया है। यदि उच्च स्तर पर इसका मुआयना कराया जाए तो गड्ढे में डली चूने की निशानी सारी कहानी बयां कर देगी। सवाल उठता है कि यहां दिन के उजाले में चल रहा यह कार्य अब तक किसी सक्षम अधिकारी की निगाहों में कैसे नहीं आया।

छात्रावास के नल कनेक्शन से पानी

(छात्रावास के नलकूप का दुरुपयोग )

  पिच निर्माण के लिए बने गड्ढे और बाउंड्रीवाल के पास छात्रावास के नलकूप से लिया पानी का कनेक्शन दर्शाता है कि हरदा जिले को जल आपदाग्रस्त घोषित किए जाने के बाद भी इसके पानी का उपयोग निर्माण संबंधी किसी अन्य कार्य में किया जा रहा था। ध्यान रहे कि जल आपदा वाले क्षेत्रों में पानी के अन्य उपयोग पर रोक लगी रहती है। क्या पानी का इस तरह बिना अनुमति दुरुपयोग किए जाने पर कोई कार्रवाई की जाएगी।

विवाद में क्यों आई यह पिच

यहां बन रही खेल पिच का निर्माण विवादित होने के अनेक कारण हैं। इसे बिंदुवार समझा जा सकता है।

i – यह विवादित खेल पिच उत्कृष्ट विद्यालय की भूमि पर विद्यालय प्रबंधन की अनुमति लिए बना बनाई जा रही थी। संबंधित अज्ञात निर्माण एजेंसी ने इस कार्य के लिए भूमि स्वामी संस्था की अनुमति नहीं ली।

ii – यहां विवादित ढंग से छात्रावास के नलकूप का इस्तेमाल जल आपदाग्रस्त जिले में नियम विरुद्ध किया जा रहा था।

iii – छात्रावास में बालिकाओं की सुरक्षा को दरकिनार किया। जबकि यहां दीवार फांदकर दोबार असामाजिक तत्वों और युवकों ने छात्रावास परिसर में अनधिकृत प्रवेश करने की कोशिशें की। इसमें एक की जैकेट दीवार की फेंसिंग में फंसने से छात्रावास प्रबंधन ने जप्त की है। वहीं दूसरे  युवक से माफीनामा लिखवाया है।

कुछ ज्वलंत सवाल

अब चाहे डीईओ या अन्य निर्माण एजेंसी इस बात को झुठलाने का प्रयास करें कि यहां ऐसा कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा था। तो भी बालिकाओं द्वारा जो शिकायतें अब तक उच्च स्तर पर की गई  हैं, वे मिथ्या हैं।

यहां जो मटेरियल आकर पड़ा है वह किस उद्देश्य से लाया गया। यह गड्ढा कब और क्यों खोदा गया। ऐसे अनेक सवालों का जवाब मांगता है हरदा का आवाम।


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