10 सेकंड में मिट गया फटाका माफिया का रसूख
कलेक्टर के आगे किसी की न चली, नीलाम हुई फटाका फैक्ट्री मालिक की संपत्ति
प्रदीप शर्मा संपादक हृदयभूमि
इस सामाजिक जीवन में साम, दाम, दंड और भेद की नीति से सबकुछ किया जा सकता है। मगर समय खराब हो तो कोई भी कुछ नहीं कर सकता। एक माह पूर्व तक अपने जमाने में हरदा के फटाका फैक्ट्री मालिक अपने सिक्के के दम पर हर वह कार्य करते और कराते आए हैं, जो सामान्य जन के लिए लगभग नामुमकिन हैं।
हो गया रसूख चकनाचूर
मगर 6 फरवरी को प्रातः 10-11 बजे 10 सैकंड के भीतर हुए तीन विस्फोट ने सारा रसूख चकनाचूर कर दिया। यह कहानी है हरदा के फटाका फैक्ट्री मालिक राजू और सोमेश अग्रवाल की, जहां नियमों के विरुद्ध क्षमता से अधिक बारूद का भंडारण कर आसपास की आबादी पर किसी बड़े खतरे को न्यौता दे रखा था। इस दौरान कभी भी मानवीय चूक होने पर बड़ी दुर्घटना की आशंका तो थी, मगर सिक्के में बड़ा दम था। सो जिला प्रशासन की रोक के बावजूद ऊपर से आर्डर लाकर अपना काम बदस्तूर जारी रखा। यह होती है पैसे की ताकत।
10 सेकंड में सब मटियामेट
कहावत है कि धन-दौलत, रुतबा या रसूख सब आनी-जानी है, बड़ी से बड़ी हस्तियों का राजपाट चला गया और वे फुटपाथ पर नजर आए। सो 6 फरवरी को हुए महाविस्फोट ने 10 सैकंड के भीतर सबकुछ मटियामेट कर दिया। कुदरत के निजाम ने सारा हिसाब चूकता कर दिया।
फटाका माफिया का साम्राज्य हुआ नीलाम
रही बात किसी तरह पास की कौड़ी से व्यवस्था को खरीदने की, तो हरदा आए कलेक्टर आदित्य सिंह के आगे किसी की नहीं चली। और गत दिवस फटाका माफियकी, तो हरदा आए कलेक्टर आदित्य सिंह के आगे किसी की नहीं चली। और गत दिवस फटाका माफिया का सारा साम्राज्य नीलाम हो गया।