भगवान राम का अवतार राक्षसी प्रवृत्ति के विनाश के लिए हुआ:
श्रीराम जन्मोत्सव अंतर्गत श्रीराम कथा के पहले दिन साध्वी नीलम गायत्री ने कहा
इटारसी। चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर में नर्मदांचल की आस्था के प्रमुख केंद्र ठाकुर श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर परिसर में मंगलवार से श्री रामजन्म महोत्सव अंतर्गत मंगलवार से संगीतमय श्री राम कथा प्रारंभ हुई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य की परम शिष्या राष्ट्रीय मानस प्रवक्ता मानसमणि साध्वी पं नीलम गायत्री के श्रीमुख से श्रीराम कथा श्रवण कराई जा रही है। प्रथम दिवस की कथा में साध्वी जी ने कहा कि रामायण जन्म जन्मांतरों की पाप राशि को नष्ट कर जीवात्मा को शुद्ध कर देती है।रामायण का लेखन/निर्माण महर्षि बाल्मीकि ने किया। वहीं गोस्वामी तुलसीदास जी ने क्लिष्ट संस्कृत को आमजन के लिए सुलभ बनाने हेतु रामायण का दोबारा लेखन किया। देवऋषि नारद ने ऋषि वाल्मीकि को रामायण उपदेश दिया था। कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि रामायण गायत्री मंत्र का विस्तार है। कथा के अगले भाग में महाराज दशरथ के द्वारा शासित अयोध्या नगरी का वर्णन करते हुए कथाव्यास ने भगवान श्री रामचंद्र जी के जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान का राम अवतार राक्षसी प्रवृत्तियों के विनाश और जनमानस के तारणहार के रूप में हुआ। साध्वी श्री ने प्रथम दिवस रामायणजी के कई प्रसंगों के आधार पर कथा सुनाई।
इस अवसर पर संगीतकार के रूप में तबला पर रामदास जी, ओक्टोपेड पर विजय मिश्रा एवं आर्गन पर पवन गोस्वामी की संगत ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किये।
प्रथम दिवस की कथा में श्री रामजन्म महोत्सव समिति के संरक्षकगण, अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया, कार्यकारी अध्यक्ष विपिन चांडक, सचिव अशोक शर्मा (एडवोकेट), कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा, सह कोषाध्यक्ष अमित सेठ दरबार, प्रवक्ता भूपेंद्र विश्वकर्मा, अर्पण माहेश्वरी, दिनेश सैनी सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित रहे। कथा के प्रथम दिवस पर मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने उपस्थित रहे।
आकर्षक रूप से सजाया गया मंदिर प्रांगण
श्री रामजन्म महोत्सव समिति के सचिव अशोक शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि एवं श्री रामजन्म महोत्सव कार्यक्रम के चलते संपूर्ण मंदिर परिसर में आकर्षक साज सज्जा एवं विद्युत व्यवस्था की गयी है। मंदिर परिसर के आसपास के सभी मार्गो पर भी सनातनी ध्वज, भगवा झंडियो और सीरीज लाइट से सजावट की गयी है। प्रतिदिन सांयकाल 7 बजे से 9.50 बजे तक श्री रामकथा होगी, जिसमें समिति ने अधिक से अधिक धर्मप्रेमी जनता से शामिल होने का आग्रह किया है।