March 15, 2025 |
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मेरा कुछ सामान कहीं नहीं पड़ा है …

जीवन के वो गुजरे पल जंगल में थे वो मत लौटाना

Hriday Bhoomi 24

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वहां मेरा कुछ सामान,कहीं नहीं पड़ा है/

बस किसी को मिले मेरे जीवन के वो गुजरे पल वो मुझे जरूर लौटाना/

है न..

मेरा जो सामान तुम्हारे पास तो पड़ा है।
वह मत लौटाना/ मेरा सामान अपने पास रखना /याद है न..

मेरी तबियत कुछ खराब थी/
तब परेशान नहीं हुए थे न…
जीवन की उन झूठी यादों
तब कौन था मेरा/
मेरा वो सामान

मेरा अपना है,
ये मैं अपने साथ रख लूंगा,

बस मेरा सामान अपने पास रख लेना/
किसी को कोई दुख तो
नहीं है न../

जब मैं पास या दूर नहीं था/

बिना छतरी के भारी वर्षा में

तुम्हारा ढेर सा सामान ले आया था/

मगर
मेरा कुछ सामान कहीं नहीं पड़ा है …
बस झूठ-मूठी यादों में
यह इंसान कहीं बिखरा है/
इसे सिमटा दो
इसे घर तक पहुंचा दो.
सब कर दो बस
डूबती यादों का

मेरा ये सामान वहां जरूर
लौटा दो।


Hriday Bhoomi 24

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