हृदयभूमि, टिमरनी।
स्थानीय नगर परिषद द्वारा अमृत 2 अंतर्गत पेय जल सप्लाई हेतु तैयार डीपीआर पीआईसी (प्रसिडेंट आफ कांसिल) की बैठक में अनुमोदित कराई गई है। इस योजना की लागत राशि 26.52 करोड़ की स्वीकृति अनुसशा राज्य स्तरीय समिति द्वारा की गई है। योजनांतर्गत swap में स्वीकृत राशि 15.50 करोड़ से अधिक राशि निकाय द्वारा स्वयं के स्रोतों से वहन की जाएगी।
मगर इस पर अभी से ही अनेक सवालिया निशान लगने लगे हैं। पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष एवं नगर कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष जायसवाल ने कहा कि इस योजना से नगर की जनता पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ की राशि लगभग 15 करोड रूपये होगी। यह व्यवस्था नगर परिषद कैसे करेगी। कहीं ऐसा न हो कि राशि के अभाव में योजना अधूरी रह जाए और जनता को कुछ भी हासिल न हो।
श्री जायसवाल ने कहा कि वर्ष 2014 में इसी योजना का शहर के जिम्मेदार नागरिकों ने विरोध किया था। इस कारण योजना का वापस करना पड़ा। उस वक्त योजना की लागत 17. 42 करोड़ थी एवं वर्तमान में योजना लागत 26.52 करोड़ रूपये है। उन्होंने कहा कि इस योजना की तैयार डीपीआर तैयार में कई तथ्यों को छुपाया है। वहीं बहुत सी गलत जानकारियों के आधार पर डीपीआर तैयार की गई है। श्री जायसवाल ने नगर परिषद से अनेक सवालों के जवाब मांगे हैं।
योजना की डीपीआर पर सवाल –
1 – योजना की डीपीआर में लिखा है कि गर्मी के दिनों में टिमरनी नगर में ट्यूबवेल में सूख जाते हैं एवं शहर में पानी की परेशानी होती है। इसलिए यह योजना लाना आवश्यक है।
2- योजना के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रमाणीकरण है कि इंटेकवैल एवं वाटर-ट्रीटमेंट प्लाट हेतु वोल्टेज 24 घंटे रहेगा एवं निरंतर बिजली मिलती रहेगी 24 घंटे बिजली सप्लाई होगी। क्या ऐसा प्रमाण-पत्र विद्युत विभाग को देना था, मुख्य नगर पालिक अधिकारी ने कैसे दे दिया जो उनके कार्यक्षेत्र में नहीं है।
3- पेय जल योजना के पूर्ण होने में 30 करोड़ रूपये का व्यय होगा एवं नगर परिषद को शासन से अनुदान के रूप में मात्र 15 करोड रूपये मिल रहे है। शेष 15 करोड नगर परिषद को स्वयं के संसाधनों से जुटाना है। वह नगर परिषद जनता पर बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाले कैसे व्यवस्था करेगी।
4- नगर परिषद ने डीपीआर में इंटेकवेल प्लांट हेतु ग्राम पोखरनी में खसरा नबर 33/2 (एस) शासकीय भूमि आवंटन हेतु 3 एकड़ भूमि की मांग अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से की है जो अभी तक नहीं मिली। जहां तक मेरी जानकारी है उक्त खसरा नंबर की भूमि पर पहले से ही पंचायत भवन आगनवाडी भवन, तिलहन संघ का कार्यालय, सामुदायिक भवन, मंदिर, एवं पानी की टकी पूर्व से निर्मित है। अब वहां रिक्त भूमि न होने से ये प्लांट कैसे बनेगा।
5. श्री जायसवाल ने आरोप लगाया कि नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा परिषद के पार्षदों से कहा जा रहा है की यह योजना शत प्रतिशत अनुदान के तहत आई है। इसमें शहर की जनता को किसी भी प्रकार की कोई राशि नहीं देनी है। परंतु डीपीआर में स्पष्ट रूप से लिखा है की प्रति कनेक्शन 3 हजार रूपये जमा करने होंगे। इसे भी जनता के समक्ष स्पष्ट करें एवं प्रतिमाह जलकर राशि का कितना टेक्स के रूप में नागरिकों को देना होगा।
6. योजना के तहत डाली जाने वाली 30 किलो मीटर पाईप लाईन जो छिपानेर से टिमरनी तक लाना है। जिसमें टिमरनी नगर के बीच स्थित रेल्वे क्रासिंग को लेकर मिलने वाली अनुमति का कोई उल्लेख नहीं है। यदि यह अनुमति नहीं मिली है तो पाईप लाईन कैसे रेल्वे लाईन क्रास कर शहर में पानी लाई जाएगी।
7. अमृत योजना के संबंध में ज्ञात है कि वर्तमान परिषद के पार्षदों को योजना की जानकारी नहीं दी गई है। ओर न ही परिषद की बैठक में इस विषय को रखा गया है। इस तरह 9 पार्षदों ने योजना के सबंध में परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग की है। मगर उनको नजर अंदाज किया जा रहा है।
श्री जायसवाल ने कहा कि मैंने भी जनभावना को ध्यान में रखकर योजना की विस्तृत जानकारी के लिए नगर सभा की मांग करते हुए पूर्व में पत्र लिखा था। परंतु कोई जवाब नहीं मिला ओर न ही नगर सभा का आयोजन हुआ।
नहीं तो जनसभा करेगी कांग्रेस –
कांग्रेस नगर अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि सात दिनों के भीतर जनसभा बुलाकर जानकारी उपलब्ध कराऐं। अन्यथा विवश होकर हमें जनसभा आयोजित करना पड़ेगी।