प्रदीप शर्मा संपादक
बीते दिनों भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर पार्टी के खांटी नेता सुरेंद्र जैन ने पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता लेकर जिले के राजनीतिक जगत में हलचलें बढ़ा दी थी। तब माना गया कि निकट समय में श्री जैन नए दल में बड़े नेता बनकर उभरेंगे। मगर ठीक इसके बाद इसी पार्टी के पूर्व नगर अध्यक्ष व नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव के पूर्व प्रत्याशी हरिमोहन शर्मा द्वारा श्री जैन के साथ उनके एक पुराने विवाद को उछाले जाने से पार्टी में नई गुटबाजी के संकेत मिले थे। इन आशंकाओं को तब और बल मिल गया जब गत दिवस सिराली में हुई राहुल गांधी की विशाल आमसभा में श्री जैन नदारद रहे। पार्टी के मंच पर उनके नजर न आने से राजनीतिक चर्चाएं सरगर्म हो गई। यूं भी श्री जैन कब, क्या कर जाएं यह सवाल जरा मुश्किल और टेड़ा है। बहरहाल यह भी चर्चाएं हैं कि पुराने कांग्रेस नेताओं ने तो कहीं राहुल की सभा में श्री जैन का बायकाट तो नहीं कर दिया। राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा इसे पार्टी में नई गुटबाजी माना जा रहा है। यह भी कयास हैं कि निकट समय में श्री जैन का भी नया गुट तैयार हो जाए। देखना होगा कि श्री जैन की कांग्रेस में शुरू हुई नई पारी आगे क्या समीकरण बनाएगी।