“सोनू तेरे पापा आज सुबह से कहां गए है”
“मोनू मेरे पापा गरीब हैं न, वे मजदूरी करने गए हैं।”
” तो आज क्या वे वोट नहीं डालेंगे”
“अरे यार उनका मालिक सेठ छुट्टी नहीं देता”
“सोनू क्या सेठ को नहीं पता कि चुनाव आयोग के आदेश पर आज सभी कामगारों को वोट डालने की छुट्टी देना अनिवार्य है”
“वो तो है, पर सेठ नहीं मानता”
“ऐसी बात है सोनू तो चल हम थाने में शिकायत करते हैं।”
पुलिस के साथ पहुंचे सोन-मोनू को देखकर सेठ अपनी गद्दी से उठ गया। अरे बेटा सोनू तुम कैसे आए। और साथ में ये मोनू पुलिस को लेकर क्यों आया है।
“अंकल ये पुलिस आई है क्योंकि तुमने मेरे पापा को वोट डालने की छुट्टी नहीं दी न”
“अरे मैं कहां मना कर रहा बेटे। लोकतंत्र में सभी को वोट देना जरूरी है। सोहन जाओ आज वोट वोट डालने जाओ। फिर घर पर आराम करना। इस छुट्टी के पैसे भी नहीं कटेंगे।” यह सुनकर सोहन तुरंत चल देता है लोकतंत्र के महोत्सव में अपना वोट डालने।
(लोकतंत्र में सब मतदान करें, यह हमारा राष्ट्रीय दायित्व है : मध्यप्रदेश चुनाव आयोग)
– हृदयभूमि24 द्वारा जनहित में प्रकाशित-
script by – Pradeep Sharma
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