नईदिल्ली। भारतवर्ष अब इंटरनेशनल सोलर अलायंस के बाद इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आइबीसीए) का मुख्यालय भी बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस बारे मंजूरी मिली। इसके बाद हमारा देश अब दुनियाभर में बिग कैट (बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता) के संरक्षण की मुहिम को गति देगा।
5 सालों के लिए 150 करोड़ रुपये मंजूर
कैबिनेट ने इस मुख्यालय के संचालन के लिए अगले पांच सालों के लिए यानी वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक के लिए 150 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं। बिग कैट के संरक्षण के लिए बनाए गए इस इंटरनेशनल अलायंस में दुनियाभर के उन सभी 96 देशों को शामिल करने की परिकल्पना की गई है, जहां बिग कैट की प्रजातियां पाई जाती हैं।
भारत में बिग कैट की पांच प्रजातियां
बिग कैट की बात करें तो भारत में प्यूमा और जगुआर को छोड़कर अन्य पांचों प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से चीता ही देश से विलुप्त हो गया था लेकिन पीएम मोदी के प्रयासों से 2022 में इन्हें देश में 73 सालों के बाद फिर से बसाया गया। बता दें कि पीएम मोदी ने 2019 में वैश्विक बाघ दिवस के मौके पर वन्यजीवों के अवैध शिकार को रोकने के लिए दुनियाभर के नेताओं से एक अलायंस बनाने का आह्वान किया था। बाद में नौ अप्रैल 2023 को प्रोजेक्ट टाइगर के पचास साल पूरा होने पर उन्होंने इस अलायंस को शुरू करने का ऐलान किया था।