प्रदीप शर्मा संपादक
चार माह पूर्व हुए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा के चुनाव 2023 में ऐतिहासिक जीत हासिल करने पश्चात अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा और मोदी मैजिक से प्रदेश भाजपा के हौसले बुलंद होना स्वाभाविक है। देश एवं प्रदेश चल रही अनुकूल राजनीतिक बयार को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने देश में 370 और एनडी एलायंस को 400 पार सीटें जीतने का टारगेट दे दिया है। माना जा रहा है कि इस चुनाव में मोदी की गारंटी वाला कार्ड इस कदर चलेगा कि कुछ राज्यों में सभी सीटों पर जीत मिल सकेगी।
यही वजह है कि पार्टी आलाकमान ने सभी विपक्षी दलों को पीछे छोड़ते हुए अलग-अलग सूची जारी कर सबसे पहले अपने गठबंधन की सभी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। वहीं एलायंस के अन्य संगठनों ने भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं।
पार्टी आलाकमान ने मध्यप्रदेश में भाजपा को मिली बड़ी जीत पश्चात यहां की सभी 29 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। मगर लोकसभा के इस बड़े चुनाव में इसे पाना इतना आसान नहीं है। क्योंकि खरगोश की तरह तेज चलकर सीटों पर प्रत्याशी तो उतार दिए हैं, मगर कछुए की तरह धीमी गति से सूची जारी करने वाली पार्टी कांग्रेस ने काफी सोच-विचार कर उम्मीदवारों का चयन किया है।
पार्टी ने जिस प्रकार सीटों पर प्रत्याशियों का चयन किया है उससे लगता है कि यहां अनेक स्थानों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। शुरूआत की जाए छिंदवाड़ा की तो यहां भाजपा ने एक बार फिर उसी प्रत्याशी को टिकट दी है जो कमलनाथ के सामने हार चुके हैं। यहां नाथ ने भी साफ कह दिया है कि वे इस सीट को अजेय बनाए रखने और पुत्र नकुलनाथ को जिताने पर विशेष ध्यान देंगे।
इधर विदिशा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा को टिकट दिया है। इस कारण शिवराज को अपनी सीट पर विशेष ध्यान देकर अन्य स्थानों पर प्रचार करने जाने से बचना होगा। अन्यथा प्रतिष्ठा की यह सीट खतरे में पड़ जाएगी। पार्टी ने राजगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को उतारा है जहां सिंह अपनी जीत हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इधर सतना सीट पर बसपा ने नारायण दत्त त्रिपाठी को सामने लाकर भाजपा के गणित बिगाड़ दिए हैं। वहीं नर्मदापुरम- नरसिंहपुर सीट पर भाजपा के दर्शनसिंह चौधरी के सामने कांग्रेस के संजय सिंह का आना भी टर्निंग पाॅइंट हो सकता है।
इससे लगता है कि चुनाव में हाईकमान द्वारा दिए गए लक्ष्य को हासिल करने में प्रदेश भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी होगी।