प्रदीप शर्मा संपादक
प्रदेश की राजनीति में बार-बार दल बदलने के लिए मशहूर विंध्यांचल के नेता व मैहर के पूर्व विधायक नारायण दत्त त्रिपाठी ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थामकर एक बार फिर सभी को चौंका दिया है। इसके पूर्व भी उन्होंने विभिन्न दलों में शामिल होकर अपना काफी समय बिताया है। अब वे बसपा में कितने समय टिक पाते हैं, यह कहना मुमकिन नहीं, मगर राजनीति कभी ऐसी-वैसी बनी तो वे कहीं भी जा सकते हैं। बस यह सब उन समीकरणों पर निर्भर होगा जो उन्हें मुफीद हो। हालांकि बसपा में उनके आगमन से विंध्याचल में कई बदलाव आने के संकेत छिपे हैं। इतना अवश्य कहा जा सकता है कि यहां की राजनीति में श्री त्रिपाठी चाहे दल-बदल कर कहीं भी आए या गए हों, मगर चुनाव में वे या तो विजयी या दूसरों की लुटिया डुबाने में कामयाब हुए।
क्या विंध्यक्षेत्र में बदलेगी बसपा की हवा ?
इन दिनों जबकि राजनीति में बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी के बाद तीसरे स्थान पर है, तथा मध्यप्रदेश में इस प्रदेश से लगे कुछ जिलों में इसका दखल बना हुआ है। ऐसे में त्रिपाठी का बसपा में आना विंध्याचल में नया संकेत हो सकता है। क्योंकि यहां की सियासी आबोहवा काफी कुछ यूपी से मिलती जुलती है।
हालिया लोकसभा चुनाव 2024 में जब दलों के नेता अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं। तब त्रिपाठी के बसपा में आने से इस क्षेत्र की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह कयास लगाना मुश्किल नहीं है। क्योंकि दलित समुदाय की नेत्री मायावती ने अपनी पार्टी की नीति बदलकर इसमें सवर्णों, खासकर ब्राह्मणों को तरजीह देकर उन्हें पार्टी में न केवल अहम पद दिए, बल्कि टिकिट देकर उन्हें चुनाव मैदान में भी उतारा। इससे मायावती की छवि सवर्णों में उजली हुई और समर्थन भी खूब मिला। अब त्रिपाठी के बसपा में आने से प्रदेश के विंध्याचल में इस फेक्टर का क्या लाभ मिलेगा इस पर राजनीतिक प्रेक्षकों की निगाहें लगी हुई है।
सतना सीट से बने बसपा के प्रत्याशी
बसपा में नारायण दत्त त्रिपाठी के आने पश्चात पार्टी ने उन्हें लोकसभा क्षेत्र क्रमांक 9 सतना सीट से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाने की भी घोषणा कर दी है। विंध्य क्षेत्र की राजनीति में सदैव उलटफेर करने वाले नेता नारायण दत्त त्रिपाठी इस बार देश में मोदी की लहर के बीच क्या कमाल दिखा पाते हैं, यह तो समय के गर्भ में है।
कौन हैं नारायण दत्त त्रिपाठी
प्रदेश की राजनीति में पिछले तीन दशकों से नारायण दत्त त्रिपाठी एक चर्चित नाम है। विंध्याचल क्षेत्र के युवा नेता श्री त्रिपाठी सबसे पहले मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी की युवा विंग समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बनकर प्रदेश की राजनीति में सामने आए थे। वे मजदूर और श्रमिक तबके में खासे लोकप्रिय थे। और समय-समय पर मैहर सीमेंट फैक्ट्री के श्रमिकों की आवाज भी उठाते रहे। समाजवादी युवजन सभा की प्रदेश कमान मिलने के बाद उनके राजनीतिक कद में एकाएक बड़ा इजाफा हुआ। तब उन्होंने राजधानी भोपाल में युवजन सभा एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया। इसमें सपा के कद्दावर नेताओं के आने बाद वे प्रदेश की युवा राजनीति की चर्चा में एक बड़ा नाम बन गए थे।
कालांतर में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते वे पहले कांग्रेस, फिर भाजपा में आ गए। जब कुछ बात नहीं बनी तो वे इससे अलग होकर विंध्य प्रदेश पार्टी बनाकर सक्रिय हो गए। अब बसपा में शामिल होने से उनके दल बदलने का एक चक्र पूर्ण हो गया है। अब बसपा में आने से यहां क्या राजनीतिक बदलाव होता है। क्योंकि विंध्य की राजनीति में भी यूपी की तरह जातिवाद महत्वपूर्ण है। यहां ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया और दलित का वजूद खास है। ऐसे में उनके बसपा से हाथ मिलाने पर ब्राह्मण व दलित फेक्टर क्या काम करेगा यह अभी मोदी लहर में मुश्किल है, किंतु आने वाले दिनों में यह कमाल दिखाए तो, कोई संदेह नहीं।